Tag: Muslim marriage law
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मुस्लिम विवाह और सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ( Muslim marriage and Supreme Court’s historic judgement )
मुस्लिम विवाह और सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले: प्रमुख न्यायिक निर्णय मुस्लिम विवाह (Nikah) एक सिविल कॉन्ट्रैक्ट (Civil Contract) होता है, जिसे इस्लामी कानूनों (Sharia Law) के तहत माना जाता है। हालांकि, भारत में कई ऐसे कानूनी विवाद और मामले…
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स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत मुस्लिम विवाह ( Muslim marriage under Special Marriage Act )
स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत मुस्लिम विवाह: जब मुस्लिम जोड़े इस्लामिक पर्सनल लॉ से बाहर विवाह करते हैं परिचय भारत में विवाह मुख्य रूप से धार्मिक और पर्सनल लॉ के तहत होते हैं, लेकिन अगर कोई जोड़ा धार्मिक रीति-रिवाजों से…
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मुस्लिम विवाह में विरासत और संपत्ति अधिकार ( Inheritance and Property Rights in Muslim Marriage )
मुस्लिम विवाह में विरासत और संपत्ति अधिकार परिचय मुस्लिम कानून (Islamic Law) के तहत विरासत (Inheritance) और संपत्ति के अधिकार (Property Rights) स्पष्ट रूप से निर्धारित किए गए हैं। इस्लामी कानून के अनुसार, संपत्ति का बंटवारा शरीयत (Sharia Law) के…
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मुस्लिम विवाह और भरण-पोषण (Maintenance Rights)
मुस्लिम विवाह और भरण-पोषण (Maintenance Rights) परिचय मुस्लिम विवाह (Nikah) इस्लामिक कानून के तहत एक पवित्र अनुबंध (Sacred Contract) है, जिसमें पति-पत्नी के अधिकार और कर्तव्य निर्धारित होते हैं। यदि विवाह टूट जाता है और तलाक हो जाता है, तो…
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मुस्लिम महिलाओं के लिए न्यायिक तलाक (Judicial Divorce)
मुस्लिम महिलाओं के लिए न्यायिक तलाक (Judicial Divorce) { मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम, 1939 के तहत तलाक के आधार } परिचय इस्लाम में विवाह (Nikah) को एक पवित्र अनुबंध माना जाता है, लेकिन यदि पति-पत्नी के बीच गंभीर मतभेद हो…
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खुला (Khula): जब महिला खुद तलाक मांगे
खुला (Khula): जब महिला खुद तलाक मांगे परिचय इस्लाम में विवाह (Nikah) को एक पवित्र अनुबंध माना जाता है, लेकिन यदि पति-पत्नी के बीच संबंध बिगड़ जाते हैं और साथ रहना संभव नहीं होता, तो तलाक (Divorce) की अनुमति दी…
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मुस्लिम विवाह – तीन तलाक (Triple Talaq): अब अपराध क्यों?
तीन तलाक (Triple Talaq): अब अपराध क्यों? परिचय इस्लाम में विवाह (Nikah) को एक पवित्र अनुबंध माना जाता है, लेकिन यदि पति-पत्नी के बीच गंभीर मतभेद हो जाएँ और साथ रहना संभव न हो, तो तलाक (Divorce) की अनुमति दी…
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तलाक-ए-अहसन और तलाक-ए-हसन: कानूनी रूप से वैध तरीके ( Talaq-e-Ahsan and Talaq-e-Hasan )
तलाक-ए-अहसन और तलाक-ए-हसन: कानूनी रूप से वैध तरीके परिचय इस्लाम में विवाह (Nikah) को एक पवित्र अनुबंध (Sacred Contract) माना गया है, लेकिन यदि पति-पत्नी के बीच गंभीर मतभेद हो जाएँ और साथ रहना संभव न हो, तो इस्लाम में…