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भारतीय संविधान की अनुसूची 7: केंद्र और राज्यों के अधिकारों का विभाजन

भारतीय संविधान की अनुसूची 7: केंद्र और राज्यों के अधिकारों का विभाजन

परिचय

भारतीय संविधान की अनुसूची 7 (Schedule 7) केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों और विषयों के विभाजन को निर्धारित करती है। यह अनुसूची यह तय करती है कि कौन-कौन से विषय केंद्र सरकार, राज्य सरकार और दोनों (संसद व राज्य विधानमंडल) के साझा अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

अनुसूची 7 तीन सूचियों (Lists) में विभाजित है:

  1. संघ सूची (Union List) – केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है।
  2. राज्य सूची (State List) – केवल राज्य सरकार कानून बना सकती है।
  3. समवर्ती सूची (Concurrent List)केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन केंद्र के कानून को प्राथमिकता मिलेगी।

अनुसूची 7 की संरचना

1. संघ सूची (Union List) – 100 विषय (अब 97 विषय)

संघ सूची में वे विषय शामिल हैं जो राष्ट्रीय महत्व के होते हैं और जिन पर केवल संसद (केंद्र सरकार) कानून बना सकती है।

संघ सूची के प्रमुख विषय:

✅ रक्षा (Defence)
✅ विदेश मामले (Foreign Affairs)
✅ परमाणु ऊर्जा (Atomic Energy)
✅ रेलवे (Railways)
✅ नागरिकता (Citizenship)
✅ दूरसंचार (Telecommunication)
✅ बैंकिंग और बीमा (Banking & Insurance)
✅ मुद्रा और वित्त (Currency & Finance)
✅ आयकर और सीमा शुल्क (Income Tax & Customs Duty)
✅ अंतर्राज्यीय व्यापार (Interstate Trade)

नोट: 42वें संविधान संशोधन (1976) में शिक्षा, वन, वन्य जीव संरक्षण, पर्यावरण जैसे विषय समवर्ती सूची में स्थानांतरित किए गए।


2. राज्य सूची (State List) – 66 विषय (अब 61 विषय)

राज्य सूची में वे विषय आते हैं जिन पर राज्य विधानमंडल (State Legislature) कानून बना सकता है।

राज्य सूची के प्रमुख विषय:

✅ पुलिस (Police)
✅ स्वास्थ्य (Public Health)
✅ कृषि (Agriculture)
✅ भूमि (Land)
✅ स्थानीय सरकारें (Local Government)
✅ जल आपूर्ति (Water Supply)
✅ जुआ और सट्टेबाजी (Betting & Gambling)
✅ पशुपालन (Animal Husbandry)
✅ जेल (Prison)
✅ बाजार और मेला (Markets & Fairs)

नोट: 42वें संविधान संशोधन (1976) में शिक्षा, वन, बिजली और श्रम कल्याण जैसे विषय समवर्ती सूची में स्थानांतरित कर दिए गए।


3. समवर्ती सूची (Concurrent List) – 47 विषय (अब 52 विषय)

समवर्ती सूची में वे विषय शामिल होते हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं। लेकिन यदि राज्य सरकार का कानून केंद्र सरकार के कानून के विरोध में है, तो केंद्र सरकार का कानून प्रभावी माना जाएगा।

समवर्ती सूची के प्रमुख विषय:

✅ शिक्षा (Education)
✅ श्रम कल्याण (Labour Welfare)
✅ विवाह और तलाक (Marriage & Divorce)
✅ वन और पर्यावरण संरक्षण (Forests & Environmental Protection)
✅ बिजली (Electricity)
✅ अपराध और दंड प्रक्रिया (Criminal Laws & Procedure)
✅ जनसंख्या नियंत्रण (Population Control)
✅ समाचार पत्र और पुस्तकें (Newspapers & Books)
✅ व्यापार और वाणिज्य (Trade & Commerce)

नोट: समवर्ती सूची में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को अधिकार होते हैं, लेकिन यदि कोई विवाद होता है तो केंद्र सरकार का कानून प्रभावी माना जाता है।


संविधान संशोधन और अनुसूची 7 में बदलाव

समय-समय पर संविधान में संशोधन कर अनुसूची 7 में बदलाव किए गए हैं:
42वां संविधान संशोधन (1976):

  • शिक्षा, वन, वन्य जीव संरक्षण, आबादी नियंत्रण जैसे विषय राज्य सूची से समवर्ती सूची में डाल दिए गए

101वां संविधान संशोधन (2016) – जीएसटी (GST) लागू करने के लिए:

  • कराधान (Taxation) से संबंधित कुछ शक्तियाँ समवर्ती सूची में डाली गईं।
  • वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू किया गया, जिससे केंद्र और राज्य सरकारें एक साथ कर वसूल सकें।

महत्व और निष्कर्ष

अनुसूची 7 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का संतुलन बनाए रखता है।

मुख्य बिंदु:

संघ सूची – केंद्र सरकार को संप्रभु (Supreme) अधिकार देता है।
राज्य सूची – राज्यों को अपने स्थानीय मामलों में स्वतंत्रता देता है।
समवर्ती सूची – केंद्र और राज्य दोनों को कानून बनाने की अनुमति देता है, लेकिन प्राथमिकता केंद्र सरकार की होगी।

क्या यह व्यवस्था सफल है?

संघीय ढांचे (Federal Structure) को मजबूत करता है।
राज्यों को स्वायत्तता (Autonomy) देता है, जिससे वे अपने क्षेत्र की जरूरतों के हिसाब से कानून बना सकें।
❌ कभी-कभी केंद्र और राज्यों के बीच टकराव हो जाता है, खासकर समवर्ती सूची के मामलों में।
जीएसटी लागू होने के बाद, राज्यों की कर लगाने की स्वतंत्रता कुछ हद तक सीमित हो गई है।