भारतीय संविधान की अनुसूची 4: राज्यसभा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सीटों का आवंटन
परिचय
भारतीय संविधान की अनुसूची 4 (Schedule 4) राज्यसभा (संसद के उच्च सदन) में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए सीटों की संख्या निर्धारित करती है। यह सीटों का आवंटन राज्यों की जनसंख्या के आधार पर किया गया है ताकि जनसंख्या अधिक होने पर अधिक प्रतिनिधित्व मिले।
राज्यसभा में सीट आवंटन का आधार
- प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को संविधान द्वारा निर्दिष्ट संख्या में सीटें दी गई हैं।
- राज्यों की जनसंख्या के अनुसार सीटों का निर्धारण किया गया है।
- केंद्र शासित प्रदेशों को भी सीमित संख्या में सीटें दी गई हैं।
- राज्यसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 हो सकती है, जिसमें से 238 सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते हैं, और 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाते हैं।
राज्यसभा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सीटों का आवंटन
(संशोधन के अनुसार, राज्यसभा में सीटों की संख्या समय-समय पर बदल सकती है)
राज्यों के लिए राज्यसभा सीटें
राज्य | सीटों की संख्या |
---|---|
आंध्र प्रदेश | 11 |
अरुणाचल प्रदेश | 1 |
असम | 7 |
बिहार | 16 |
छत्तीसगढ़ | 5 |
गोवा | 1 |
गुजरात | 11 |
हरियाणा | 5 |
हिमाचल प्रदेश | 3 |
झारखंड | 6 |
कर्नाटक | 12 |
केरल | 9 |
मध्य प्रदेश | 11 |
महाराष्ट्र | 19 |
मणिपुर | 1 |
मेघालय | 1 |
मिज़ोरम | 1 |
नागालैंड | 1 |
ओडिशा | 10 |
पंजाब | 7 |
राजस्थान | 10 |
सिक्किम | 1 |
तमिलनाडु | 18 |
तेलंगाना | 7 |
त्रिपुरा | 1 |
उत्तर प्रदेश | 31 |
उत्तराखंड | 3 |
पश्चिम बंगाल | 16 |
केंद्र शासित प्रदेशों के लिए राज्यसभा सीटें
केंद्र शासित प्रदेश | सीटों की संख्या |
---|---|
दिल्ली | 3 |
पुदुचेरी | 1 |
जम्मू और कश्मीर | 4 |
(अन्य केंद्र शासित प्रदेशों को राज्यसभा में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है।)
राष्ट्रपति द्वारा नामित सदस्य
- 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाते हैं, जो साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे विशेष क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों में से होते हैं।
- इन नामांकित सदस्यों का उद्देश्य संसद में विविध विशेषज्ञता और अनुभव लाना है।
राज्यसभा में सीटों के आवंटन में परिवर्तन
समय-समय पर जनसंख्या और पुनर्गठन के अनुसार राज्यों को मिलने वाली सीटों में बदलाव किया जाता है। कुछ महत्वपूर्ण संशोधन:
- 1956 – राज्य पुनर्गठन अधिनियम: राज्यों के पुनर्गठन के बाद सीटों का पुनर्वितरण हुआ।
- 2000 – झारखंड, उत्तराखंड, और छत्तीसगढ़ के गठन के बाद बदलाव।
- 2014 – तेलंगाना के गठन के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सीटों में परिवर्तन।
- 2019 – जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद केंद्र शासित प्रदेश के रूप में सीटें आवंटित की गईं।
राज्यसभा की विशेषताएँ
- राज्यसभा एक स्थायी सदन है, जिसे भंग नहीं किया जा सकता।
- प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है, और हर 2 वर्षों में 1/3 सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं।
- राज्यसभा में सांसदों का चुनाव राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों (MLA) द्वारा किया जाता है।
निष्कर्ष
अनुसूची 4 भारतीय संघीय ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक राज्य और कुछ केंद्र शासित प्रदेशों को संसद में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिले। राज्यसभा में राज्यों की जनसंख्या के आधार पर सीटें आवंटित की जाती हैं, जिससे सभी क्षेत्रों को उचित प्रतिनिधित्व प्राप्त हो।
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