भारतीय संविधान की अनुसूची 2: वेतन, भत्ते और पदों की शपथ
परिचय
भारतीय संविधान की अनुसूची 2 (Schedule 2) उन महत्वपूर्ण पदों के लिए वेतन, भत्ते और अन्य विशेषाधिकारों को निर्धारित करती है, जो भारत सरकार और राज्यों में उच्च पदों पर कार्यरत होते हैं। इसके अलावा, यह अनुसूची उन शपथों और प्रतिज्ञाओं को भी निर्दिष्ट करती है, जो पदभार ग्रहण करने से पहले इन अधिकारियों को लेनी होती हैं।
अनुसूची 2 के अंतर्गत शामिल पद
इस अनुसूची में निम्नलिखित प्रमुख पदधारकों के वेतन, भत्ते और शपथ से संबंधित प्रावधान शामिल हैं:
- राष्ट्रपति (President) और उपराष्ट्रपति (Vice President)
- राज्यों के राज्यपाल (Governors of States)
- लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष (Speakers and Deputy Speakers of Lok Sabha & Rajya Sabha)
- विधानसभा और विधान परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष (Speakers and Deputy Speakers of Legislative Assemblies & Councils in States)
- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीश (Judges of Supreme Court & High Courts)
- भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India – CAG)
अनुसूची 2 के विभिन्न भाग
इस अनुसूची को 6 भागों (Parts) में विभाजित किया गया है, जिनमें अलग-अलग पदधारकों से जुड़े प्रावधान दिए गए हैं।
भाग 1: राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति
- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के वेतन, भत्ते और पेंशन का निर्धारण।
- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की शपथ का प्रारूप।
भाग 2: राज्यों के राज्यपाल
- राज्यपाल के वेतन, भत्ते और पेंशन का निर्धारण।
- राज्यपाल द्वारा ली जाने वाली शपथ।
भाग 3: संसद (लोकसभा और राज्यसभा) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते।
भाग 4: राज्यों की विधानसभाओं के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- राज्य विधानसभाओं और विधान परिषदों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते।
भाग 5: सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीश
- मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीश और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन, भत्ते और पेंशन।
- न्यायाधीशों की शपथ का प्रारूप।
भाग 6: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG)
- CAG के वेतन, भत्ते और पेंशन का निर्धारण।
- CAG द्वारा ली जाने वाली शपथ।
संविधान संशोधन और अनुसूची 2 में बदलाव
समय-समय पर वेतन और भत्तों में संशोधन किए जाते हैं। संसद वेतन में वृद्धि या कमी कर सकती है। कुछ महत्वपूर्ण संशोधन:
- 42वां संविधान संशोधन (1976): कुछ प्रावधानों में संशोधन।
- 97वां संविधान संशोधन: वेतन और भत्तों में बदलाव।
- संविधान (101वां संशोधन) अधिनियम, 2016: कुछ आर्थिक प्रावधानों में बदलाव।
महत्वपूर्ण बिंदु
- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, संसद और न्यायपालिका के लिए अलग-अलग शपथ प्रारूप हैं।
- इन पदों के वेतन और भत्तों को समय-समय पर संशोधित किया जाता है।
- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों को स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए विशेष पेंशन और सुरक्षा दी जाती है।
- भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) को वित्तीय मामलों में स्वायत्तता दी गई है।
निष्कर्ष
अनुसूची 2 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण भाग है, क्योंकि यह सरकार के शीर्ष पदों पर बैठे व्यक्तियों के वेतन, भत्तों और शपथ से संबंधित प्रावधानों को निर्धारित करती है। यह अनुसूची प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक वित्तीय और कानूनी ढांचा प्रदान करती है।
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