भारतीय संविधान की अनुसूची 11: पंचायती राज व्यवस्था
परिचय
भारतीय संविधान की अनुसूची 11 (Schedule 11) को 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के माध्यम से जोड़ा गया था। यह ग्राम पंचायतों (Panchayati Raj) से संबंधित विषयों को सूचीबद्ध करती है और ग्राम स्तर पर स्वशासन (Local Self-Government) को मजबूत करने का कार्य करती है।
इस अनुसूची में 29 विषयों की सूची दी गई है, जिन पर ग्राम पंचायतों को अधिकार और जिम्मेदारी दी गई है। यह अनुसूची संविधान के भाग IX (Part IX) के तहत आती है, जो पंचायती राज व्यवस्था से संबंधित है।
अनुसूची 11 का उद्देश्य
✅ ग्राम पंचायतों को अधिक शक्तियाँ प्रदान करना।
✅ स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों में पारदर्शिता लाना।
✅ ग्रामीण क्षेत्रों में जन भागीदारी को बढ़ावा देना।
✅ गाँवों में लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करना।
अनुसूची 11 में शामिल 29 विषयों की सूची
क्रम | विषय |
---|---|
1 | कृषि, भूमि सुधार, सिंचाई, जल प्रबंधन |
2 | छोटे पैमाने पर उद्योग, कुटीर उद्योग |
3 | जल आपूर्ति, साफ-सफाई और स्वच्छता |
4 | पशुपालन, डेयरी विकास, मत्स्य पालन |
5 | ग्रामीण आवास और गरीबी उन्मूलन |
6 | शिक्षा, प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों का प्रबंधन |
7 | महिला एवं बाल विकास, पोषण योजनाएँ |
8 | सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे का विकास |
9 | ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएँ और डिस्पेंसरियाँ |
10 | सामाजिक कल्याण, विकलांगों और वृद्धों के लिए योजनाएँ |
11 | कृषि विस्तार और अनुसंधान कार्यक्रम |
12 | ग्रामीण विद्युतीकरण और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत |
13 | जनजातीय कल्याण और पिछड़ा वर्ग विकास |
14 | गैर-कृषि भूमि सुधार और प्रबंधन |
15 | लघु सिंचाई परियोजनाएँ |
16 | जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन |
17 | सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) |
18 | जल संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन |
19 | प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन |
20 | कोऑपरेटिव सोसाइटीज का विकास और प्रबंधन |
21 | गरीबों के लिए आवास योजनाएँ |
22 | ग्रामीण परिवहन सेवाएँ |
23 | सामुदायिक विकास कार्यक्रम |
24 | कचरा प्रबंधन और पर्यावरण सुरक्षा |
25 | सामाजिक वानिकी और वृक्षारोपण |
26 | ग्राम स्तरीय विपणन सुविधाएँ |
27 | आपदा प्रबंधन और राहत कार्य |
28 | ग्रामीण पर्यटन और सांस्कृतिक संरक्षण |
29 | अन्य पंचायत स्तर के प्रशासनिक कार्य |
73वां संविधान संशोधन और पंचायती राज व्यवस्था
✅ पंचायती राज प्रणाली को संवैधानिक दर्जा दिया गया।
✅ तीन स्तरीय व्यवस्था:
- ग्राम पंचायत (गाँव स्तर)
- पंचायत समिति (ब्लॉक स्तर)
- जिला परिषद (जिला स्तर)
✅ राज्यों के लिए पंचायत चुनाव कराना अनिवार्य हुआ।
✅ पंचायतों का कार्यकाल 5 साल तय किया गया।
✅ महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था हुई।
अनुसूची 11 के लाभ
✅ गाँवों में लोकतांत्रिक प्रशासन को बढ़ावा मिला।
✅ स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की क्षमता बढ़ी।
✅ ग्रामीण विकास योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हुआ।
✅ महिलाओं और पिछड़े वर्गों की राजनीतिक भागीदारी बढ़ी।
अनुसूची 11 से संबंधित चुनौतियाँ
❌ वित्तीय संसाधनों की कमी – पंचायतों को पर्याप्त बजट नहीं मिलता।
❌ भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अड़चनें – कई योजनाओं में गड़बड़ियाँ देखी जाती हैं।
❌ सभी राज्यों में समान रूप से लागू नहीं – कुछ राज्यों में पंचायतों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं, जबकि कुछ में कम।
❌ राजनीतिक हस्तक्षेप – कई बार स्थानीय नेताओं का अत्यधिक प्रभाव पंचायतों के कामकाज पर पड़ता है।
निष्कर्ष
✅ अनुसूची 11 पंचायतों को ग्रामीण विकास के लिए सशक्त बनाती है।
✅ पंचायती राज प्रणाली से जमीनी स्तर पर लोकतंत्र मजबूत हुआ है।
✅ हालांकि, इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए पंचायतों को अधिक वित्तीय और प्रशासनिक स्वतंत्रता की आवश्यकता है।
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