Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 7 यह प्रावधान करती है कि राज्य सरकार बाल विवाह रोकने के लिए बाल विवाह निषेध अधिकारी (Child Marriage Prohibition Officer) की नियुक्ति कर सकती है।
धारा 7 के प्रमुख प्रावधान:
- बाल विवाह निषेध अधिकारी की नियुक्ति:
- प्रत्येक राज्य सरकार के पास यह अधिकार है कि वह एक या अधिक बाल विवाह निषेध अधिकारियों (CMPO) की नियुक्ति करे।
- यह अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करेंगे और बाल विवाह को रोकने के लिए जिम्मेदार होंगे।
- अधिकार और कर्तव्य:
- बाल विवाह की रोकथाम करना।
- बाल विवाह से संबंधित मामलों की जांच करना और उचित कार्रवाई करना।
- यदि कोई बाल विवाह होने वाला है, तो उसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना।
- पुलिस और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करना।
- समाज में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाना।
- सरकार द्वारा नियमों का निर्माण:
- राज्य सरकारें यह तय कर सकती हैं कि बाल विवाह निषेध अधिकारी के अधिकार और कार्य कैसे निर्धारित किए जाएंगे।
- सरकारें उन्हें विशेष सहायक अधिकारी (Assistant Officers) और अन्य संसाधन भी उपलब्ध करा सकती हैं।
महत्व:
- यह धारा सुनिश्चित करती है कि सरकार बाल विवाह को रोकने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करे।
- यह अधिकारी न केवल बाल विवाह की निगरानी करेंगे, बल्कि उसे रोकने और दोषियों पर कार्रवाई करने का भी कार्य करेंगे।
- इससे बाल विवाह से संबंधित मामलों की रिपोर्टिंग और बचाव कार्यों में तेजी आएगी।
निष्कर्ष:
धारा 7 यह सुनिश्चित करती है कि राज्य सरकार बाल विवाह निषेध अधिकारी नियुक्त करे, जो बाल विवाह को रोकने और दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार होंगे। इससे कानून का प्रभावी क्रियान्वयन (Implementation) हो सकेगा और बाल विवाह पर रोक लगाई जा सकेगी।
अगर आपको इस धारा की और विस्तृत जानकारी चाहिए, तो बताइए!
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