Legal And Law Advisory

By Learnwithms.in

“आपका कानूनी ज्ञान साथी!”

Home » भारतीय कानून » भारतीय दंड संहिता ( IPC ) » IPC की धारा 5: विशेष कानूनों की प्रधानता

IPC की धारा 5: विशेष कानूनों की प्रधानता

IPC धारा 5: विशेष कानूनों की प्रधानता

परिचय

भारतीय दंड संहिता (IPC) भारत में लागू होने वाला प्रमुख आपराधिक कानून है, लेकिन कुछ मामलों में विशेष कानून (Special Laws) IPC से अधिक प्रभावी होते हैं। IPC की धारा 5 इसी सिद्धांत को स्पष्ट करती है और बताती है कि यदि किसी अपराध पर कोई विशेष कानून लागू होता है, तो उस स्थिति में IPC के प्रावधान लागू नहीं होंगे।

IPC धारा 5 का प्रावधान

“इस संहिता की कोई बात ऐसे किसी कार्य को प्रभावित नहीं करेगी, जो किसी विशेष या स्थानीय विधि के अधीन अपराध हो।”

IPC धारा 5 का मुख्य उद्देश्य

✔ जब किसी अपराध को नियंत्रित करने के लिए कोई विशेष कानून पहले से मौजूद हो, तो IPC उसके स्थान पर लागू नहीं होगा।
✔ यह सुनिश्चित करता है कि विशेष कानूनों के तहत मामलों की सुनवाई उन्हीं कानूनों के अनुसार हो
✔ न्यायिक प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाना ताकि एक ही अपराध पर दो अलग-अलग कानूनों का टकराव न हो


IPC धारा 5 के तहत प्रमुख बिंदु

  1. IPC केवल सामान्य मामलों में लागू होता है, जहां कोई विशेष कानून नहीं होता
  2. यदि कोई विशेष या स्थानीय कानून लागू है, तो IPC लागू नहीं होगा।
  3. यह धारा कानूनी टकराव (Conflict of Law) से बचने में मदद करती है।
  4. कुछ उदाहरणों में विशेष कानून IPC की तुलना में कठोर दंड या अलग कानूनी प्रक्रिया का प्रावधान करते हैं

IPC धारा 5 के अंतर्गत प्रमुख विशेष कानून


IPC धारा 5 के तहत अपराधों के उदाहरण

(1) यदि कोई व्यक्ति आतंकवादी गतिविधि करता है

  • IPC में देशद्रोह (धारा 124A) या हत्या (धारा 302) का प्रावधान है, लेकिन अगर अपराध UAPA Act, 1967 के तहत आता है, तो IPC लागू नहीं होगा और आरोपी को UAPA के तहत दंडित किया जाएगा।

(2) यदि किसी व्यक्ति को मादक पदार्थों (Drugs) के साथ पकड़ा जाता है

  • IPC में चोरी या तस्करी के खिलाफ धारा हैं, लेकिन अगर मामला NDPS Act, 1985 के अंतर्गत आता है, तो IPC की धारा लागू नहीं होगी।

(3) यदि किसी सरकारी कर्मचारी पर भ्रष्टाचार का आरोप है

  • IPC में धोखाधड़ी (धारा 420) और भ्रष्टाचार (धारा 409) का प्रावधान है, लेकिन यदि मामला Prevention of Corruption Act, 1988 के तहत आता है, तो IPC लागू नहीं होगा।

IPC धारा 5 बनाम IPC का सामान्य सिद्धांत

  • IPC सामान्य कानून (General Law) है, जो सभी अपराधों को कवर करता है।
  • लेकिन IPC धारा 5 यह स्पष्ट करता है कि यदि कोई विशेष कानून किसी अपराध को नियंत्रित करता है, तो IPC लागू नहीं होगा

निष्कर्ष

IPC धारा 5 विशेष कानूनों की प्रधानता को स्वीकार करता है और यह सुनिश्चित करता है कि यदि कोई अपराध किसी विशिष्ट कानून के अंतर्गत आता है, तो IPC के बजाय वही कानून लागू होगा। इसका उद्देश्य कानूनी जटिलताओं और टकराव को रोकना है।


Based Keywords

✅ IPC Section 5 in Hindi
✅ भारतीय दंड संहिता धारा 5
✅ IPC धारा 5 का अर्थ
✅ विशेष कानून बनाम IPC
✅ IPC vs Special Laws
✅ What is IPC Section 5?


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *