परिचय
ईसाई विवाहों को कानूनी रूप से सुरक्षित और मान्यता प्राप्त बनाने के लिए Christian Marriage Act, 1872 में विभिन्न प्रावधान किए गए हैं। धारा 9 (Section 9: Licensing of Persons to Grant Certificates of Marriage between Indian Christians / भारतीय ईसाइयों के विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए व्यक्तियों को लाइसेंस प्रदान करना) यह निर्धारित करती है कि कौन से व्यक्ति भारतीय ईसाइयों के विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत होंगे और उन्हें यह लाइसेंस कैसे प्राप्त होगा।
धारा 9: भारतीय ईसाइयों के विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए व्यक्तियों को लाइसेंस प्रदान करना
(Section 9: Licensing of Persons to Grant Certificates of Marriage between Indian Christians)
धारा 9 के अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधान शामिल हैं:
- लाइसेंस प्रदान करने की प्रक्रिया (Process of Granting License)
- सरकार किसी व्यक्ति को भारतीय ईसाइयों के विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत करने हेतु लाइसेंस प्रदान कर सकती है।
- यह लाइसेंस विशेष रूप से उन व्यक्तियों को दिया जाता है जो विवाह पंजीकरण प्रक्रिया में सक्षम और जिम्मेदार होते हैं।
- योग्यता और शर्तें (Eligibility and Conditions)
- केवल वे व्यक्ति जिन्हें सरकार उपयुक्त समझे, उन्हें यह लाइसेंस दिया जाएगा।
- लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति को विवाह पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया का पालन करना होगा और कानूनी प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य होगा।
- सरकारी नियंत्रण और निगरानी (Government Supervision and Regulation)
- सरकार के पास यह अधिकार होगा कि वह किसी भी समय किसी व्यक्ति का लाइसेंस रद्द कर सकती है यदि वह निर्धारित नियमों का पालन नहीं करता।
- यह प्रावधान विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए किया गया है।
- प्रमाण पत्र जारी करने की जिम्मेदारी (Responsibility of Issuing Marriage Certificates)
- लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति को विवाह संपन्न होने के बाद उसका प्रमाण पत्र जारी करना होगा।
- यह प्रमाण पत्र कानूनी रूप से वैध होगा और विवाह के पंजीकरण की पुष्टि करेगा।
धारा 9 का उद्देश्य
- यह सुनिश्चित करना कि भारतीय ईसाइयों के विवाह प्रमाण पत्र केवल अधिकृत व्यक्तियों द्वारा जारी किए जाएं।
- विवाह प्रक्रिया को कानूनी और पारदर्शी बनाए रखना।
- विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरकारी निगरानी में रखना, जिससे किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचा जा सके।
धारा 9 के प्रमुख बिंदु
- सरकार किसी व्यक्ति को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए लाइसेंस प्रदान कर सकती है।
- लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होगा।
- यदि कोई व्यक्ति निर्धारित नियमों का पालन नहीं करता, तो सरकार उसका लाइसेंस रद्द कर सकती है।
- विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की जिम्मेदारी केवल अधिकृत व्यक्तियों को दी जाती है।
धारा 9 का महत्व
धारा 9 विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को नियंत्रित और कानूनी रूप से सुरक्षित बनाती है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि भारतीय ईसाइयों के विवाह प्रमाण पत्र केवल योग्य और अधिकृत व्यक्तियों द्वारा जारी किए जाएं।
निष्कर्ष
Christian Marriage Act, 1872 की धारा 9 यह सुनिश्चित करती है कि विवाह प्रमाण पत्र केवल उन्हीं व्यक्तियों द्वारा जारी किए जाएं जिन्हें सरकार ने अधिकृत किया हो। यह प्रावधान विवाह की कानूनी वैधता को सुनिश्चित करता है और विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखता है। यदि आप ईसाई विवाह करने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना आवश्यक है कि आपका विवाह प्रमाण पत्र एक अधिकृत व्यक्ति द्वारा जारी किया जाना चाहिए।
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