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Christian Marriage Act, 1872 – धारा 5 (Persons by whom Marriages may be solemnized / विवाह संपन्न कराने वाले व्यक्ति)

परिचय

भारत में ईसाई विवाहों को कानूनी मान्यता देने के लिए Christian Marriage Act, 1872 में यह स्पष्ट किया गया है कि कौन-कौन से व्यक्ति विवाह संपन्न करा सकते हैं। धारा 5 (Section 5: Persons by whom Marriages may be solemnized / विवाह संपन्न कराने वाले व्यक्ति) विवाह कराने वाले अधिकृत व्यक्तियों की सूची प्रदान करती है। यह धारा सुनिश्चित करती है कि ईसाई विवाह केवल योग्य और कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त व्यक्तियों द्वारा ही संपन्न हो।


धारा 5: विवाह संपन्न कराने वाले व्यक्ति

(Section 5: Persons by whom Marriages may be solemnized / विवाह संपन्न कराने वाले व्यक्ति)

धारा 5 के अनुसार, निम्नलिखित व्यक्ति ईसाई विवाह संपन्न करा सकते हैं:

  1. चर्च के पादरी (Ministers of Church)
    • चर्च में सेवा देने वाले किसी भी अधिकृत पादरी द्वारा विवाह संपन्न किया जा सकता है।
    • यह आवश्यक है कि पादरी संबंधित चर्च या धार्मिक संस्था से मान्यता प्राप्त हो।
  2. भारत सरकार द्वारा नियुक्त विवाह रजिस्ट्रार (Marriage Registrars appointed by the Government of India)
    • सरकार द्वारा नियुक्त विवाह रजिस्ट्रार विवाह संपन्न करा सकते हैं।
    • ये रजिस्ट्रार विशेष रूप से विवाहों के पंजीकरण और वैधता सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किए जाते हैं।
  3. विशेष लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति (Persons Licensed Under This Act)
    • कुछ विशेष परिस्थितियों में, सरकार ऐसे व्यक्तियों को विवाह संपन्न कराने का अधिकार प्रदान कर सकती है जो न तो चर्च के पादरी होते हैं और न ही सरकारी विवाह रजिस्ट्रार।
    • ऐसे व्यक्तियों को विशेष लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक होता है।

धारा 5 का उद्देश्य

  • यह सुनिश्चित करना कि विवाह केवल अधिकृत व्यक्तियों द्वारा ही संपन्न किया जाए, जिससे विवाह की कानूनी वैधता बनी रहे।
  • विवाह प्रक्रिया को धार्मिक और कानूनी रूप से सुव्यवस्थित करना
  • यह रोक लगाना कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति विवाह न करा सके, जिससे विवाह की वैधता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके

धारा 5 के प्रमुख बिंदु

  • पादरियों द्वारा विवाह: चर्च के अधिकृत पादरी ईसाई विवाह संपन्न करा सकते हैं।
  • सरकारी विवाह रजिस्ट्रार: भारत सरकार द्वारा नियुक्त विवाह रजिस्ट्रार भी विवाह संपन्न करा सकते हैं।
  • विशेष लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति: कुछ विशेष मामलों में, सरकार द्वारा अधिकृत व्यक्ति विवाह करा सकते हैं।
  • विवाह की वैधता सुनिश्चित करना: केवल अधिकृत व्यक्तियों द्वारा किए गए विवाह कानूनी रूप से मान्य होंगे।

धारा 5 का महत्व

धारा 5 ईसाई विवाह प्रक्रिया को कानूनी रूप से सुरक्षित और संगठित बनाती है। यह सुनिश्चित करती है कि विवाह केवल उन व्यक्तियों द्वारा संपन्न किया जाए जो कानूनी रूप से अधिकृत हैं, जिससे विवाह की वैधता बनी रहे।


निष्कर्ष

Christian Marriage Act, 1872 की धारा 5 यह निर्धारित करती है कि कौन-कौन से व्यक्ति ईसाई विवाह संपन्न करा सकते हैं। यह विवाह प्रक्रिया को कानूनी मान्यता और सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि आप ईसाई विवाह करने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना आवश्यक है कि विवाह केवल अधिकृत पादरी, सरकारी विवाह रजिस्ट्रार, या विशेष लाइसेंस प्राप्त व्यक्तियों द्वारा ही संपन्न किया जाना चाहिए


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