परिचय
ईसाई विवाहों के कानूनी मान्यता प्राप्त होने के लिए Christian Marriage Act, 1872 में विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को विनियमित करने के लिए विभिन्न प्रावधान शामिल किए गए हैं। धारा 10 (Section 10: Registration of person licensed under Section 9 / धारा 9 के अंतर्गत लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति का पंजीकरण) उन व्यक्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया को निर्धारित करती है जिन्हें विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए लाइसेंस प्राप्त होता है। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत और पंजीकृत व्यक्तियों को ही विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार मिले।
धारा 10: धारा 9 के अंतर्गत लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति का पंजीकरण
(Section 10: Registration of person licensed under Section 9)
धारा 10 के अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधान शामिल हैं:
- पंजीकरण की अनिवार्यता (Mandatory Registration)
- धारा 9 के तहत विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए लाइसेंस प्राप्त प्रत्येक व्यक्ति को सरकार के द्वारा निर्दिष्ट रजिस्ट्रार के पास पंजीकरण कराना होगा।
- बिना पंजीकरण के कोई भी व्यक्ति विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के योग्य नहीं होगा।
- सरकारी अधिसूचना (Government Notification)
- सरकार समय-समय पर अधिसूचना जारी कर यह घोषित करेगी कि किन व्यक्तियों को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है।
- यह अधिसूचना सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी जिससे आम जनता को जानकारी मिल सके।
- पंजीकरण प्रक्रिया (Registration Process)
- पंजीकरण के लिए आवेदक को सरकार द्वारा निर्धारित फॉर्म और दस्तावेज जमा करने होंगे।
- आवेदक की योग्यता और प्रमाण पत्र की सत्यता की जांच की जाएगी।
- सत्यापन के बाद व्यक्ति को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की आधिकारिक अनुमति प्रदान की जाएगी।
- पंजीकृत व्यक्तियों की सूची (List of Registered Persons)
- सरकार उन सभी व्यक्तियों की एक सूची तैयार करेगी जो विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत हैं।
- यह सूची संबंधित अधिकारियों और जनता के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।
- पंजीकरण का नवीनीकरण (Renewal of Registration)
- लाइसेंस प्राप्त व्यक्तियों को समय-समय पर अपने पंजीकरण का नवीनीकरण कराना होगा।
- यदि कोई व्यक्ति निर्धारित नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
धारा 10 का उद्देश्य
- यह सुनिश्चित करना कि केवल अधिकृत और पंजीकृत व्यक्तियों को ही विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति हो।
- विवाह प्रक्रिया को नियमित और कानूनी रूप से पारदर्शी बनाना।
- विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरकारी नियंत्रण और निगरानी के तहत रखना।
धारा 10 के प्रमुख बिंदु
- धारा 9 के तहत लाइसेंस प्राप्त प्रत्येक व्यक्ति को सरकार के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
- पंजीकरण प्रक्रिया में दस्तावेजों का सत्यापन और योग्यता की जांच की जाएगी।
- सरकार उन व्यक्तियों की सूची प्रकाशित करेगी जो विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत हैं।
- पंजीकरण का नवीनीकरण अनिवार्य होगा, और नियमों का उल्लंघन करने पर पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
धारा 10 का महत्व
धारा 10 विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को नियंत्रित और कानूनी रूप से वैध बनाती है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि केवल सरकार द्वारा अधिकृत और पंजीकृत व्यक्ति ही विवाह प्रमाण पत्र जारी कर सकें।
निष्कर्ष
Christian Marriage Act, 1872 की धारा 10 यह सुनिश्चित करती है कि विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए लाइसेंस प्राप्त प्रत्येक व्यक्ति को सरकार के पास पंजीकरण कराना होगा। यह प्रावधान विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को पारदर्शी और कानूनी रूप से सुरक्षित बनाता है। यदि आप ईसाई विवाह करने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना आवश्यक है कि आपका विवाह प्रमाण पत्र केवल एक अधिकृत और पंजीकृत व्यक्ति द्वारा ही जारी किया जाना चाहिए।
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