भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में मुख्य न्यायाधीश (CJI) और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत होती है, जिसे कोलेजियम प्रणाली (Collegium System) कहा जाता है। यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 124(2) और न्यायिक परंपराओं पर आधारित है।
1. मुख्य न्यायाधीश (CJI) की नियुक्ति प्रक्रिया
- सीनियरिटी का नियम: परंपरागत रूप से, सर्वोच्च न्यायालय में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को भारत का मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनाया जाता है।
- राष्ट्रपति की मंजूरी: भारत के राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं।
- कोलेजियम की भूमिका: मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति में कोलेजियम की औपचारिक भूमिका नहीं होती, लेकिन वरिष्ठता का पालन किया जाता है।
2. सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति
सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति कोलेजियम प्रणाली के माध्यम से होती है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
(A) कोलेजियम द्वारा सिफारिश (Recommendation by Collegium)
- सुप्रीम कोर्ट का कोलेजियम मुख्य न्यायाधीश (CJI) और चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों का एक समूह होता है।
- यह कोलेजियम नए न्यायाधीशों के नामों पर विचार करता है और योग्य उम्मीदवारों की सिफारिश करता है।
- उम्मीदवार हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता, या प्रतिष्ठित न्यायिक अधिकारी हो सकते हैं।
(B) सरकार की समीक्षा (Government Review)
- कोलेजियम की सिफारिशें कानून मंत्रालय (Law Ministry) को भेजी जाती हैं।
- कानून मंत्रालय इन नामों को प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति के पास अनुमोदन (approval) के लिए भेजता है।
- सरकार खुफिया एजेंसियों और अन्य विभागों से उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि की जांच कर सकती है।
(C) राष्ट्रपति की मंजूरी (President’s Approval)
- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर नामों को मंजूरी देते हैं।
- यदि सरकार को कोई आपत्ति होती है, तो नाम पुनर्विचार के लिए कोलेजियम को वापस भेजे जा सकते हैं।
- यदि कोलेजियम दोबारा उसी नाम की सिफारिश करता है, तो सरकार को नियुक्ति को मंजूरी देनी होती है।
3. न्यायाधीश बनने की पात्रता (Eligibility Criteria)
भारत के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए व्यक्ति को निम्नलिखित योग्यताओं में से किसी एक को पूरा करना चाहिए:
- हाई कोर्ट में कम से कम 5 वर्षों तक मुख्य न्यायाधीश रह चुका हो, या
- हाई कोर्ट में कम से कम 10 वर्षों तक न्यायाधीश रहा हो, या
- किसी विशिष्ट विधि विशेषज्ञ के रूप में राष्ट्रपति की दृष्टि में उत्कृष्ट विधिक ज्ञान रखता हो।
4. न्यायाधीशों का कार्यकाल और सेवानिवृत्ति (Tenure & Retirement)
- सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक अपने पद पर बने रहते हैं।
- सेवानिवृत्ति के बाद, वे किसी अन्य पद पर न्यायिक कार्य नहीं कर सकते (संविधान का अनुच्छेद 124)।
5. कोलेजियम प्रणाली पर विवाद और सुधार
- कोलेजियम प्रणाली की आलोचना पारदर्शिता की कमी और न्यायाधीशों द्वारा स्वयं न्यायाधीशों की नियुक्ति के कारण की जाती है।
- सरकार ने 2014 में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) प्रणाली लाने की कोशिश की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया।
निष्कर्ष
भारत में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति कोलेजियम प्रणाली के तहत होती है, जिसमें मुख्य भूमिका सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश निभाते हैं। हालांकि, इस प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने और सुधार की आवश्यकता को लेकर समय-समय पर बहस होती रही है।
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