Category: परिवार से जुड़े कानून
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आपसी सहमति से तलाक बनाम एकतरफा तलाक (Mutual Divorce vs Contested Divorce) – दोनों के बीच अंतर, कानूनी प्रक्रिया, और समय।
आपसी सहमति से तलाक बनाम एकतरफा तलाक (Mutual Divorce vs Contested Divorce) – पूरी जानकारी भूमिका भारत में तलाक लेने के दो मुख्य प्रकार हैं – दोनों प्रकार की तलाक प्रक्रिया में कानूनी प्रावधान, समय, खर्च और जटिलता में काफी…
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तलाक की प्रक्रिया (Step-by-Step Divorce Process in India) – पूरी जानकारी
भूमिका भारत में तलाक लेना एक कानूनी प्रक्रिया है, जो विभिन्न वैवाहिक कानूनों (Marriage Laws) के तहत संचालित होती है। तलाक की प्रक्रिया इस पर निर्भर करती है कि तलाक आपसी सहमति (Mutual Consent Divorce) से हो रहा है या…
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तलाक के बाद बच्चों की कस्टडी और परवरिश के कानूनी अधिकार (Child Custody and Parenting Rights After Divorce)
भूमिका तलाक के बाद सबसे संवेदनशील मुद्दा बच्चों की कस्टडी (Child Custody) और उनके भरण-पोषण (Parenting & Maintenance) का होता है। माता-पिता के अलग होने का सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। भारतीय कानून में बच्चों की कस्टडी से…
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तलाक के बाद संपत्ति और गुजारा भत्ता के अधिकार (Property and Alimony Rights After Divorce)
भूमिका तलाक के बाद संपत्ति और गुजारा भत्ता (Alimony/Maintenance) से जुड़े कई कानूनी पहलू होते हैं, जो पति-पत्नी दोनों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। भारत में तलाक के बाद महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए अलग-अलग धर्मों के तहत…
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तलाक के बाद पुनर्विवाह के कानूनी अधिकार और प्रक्रिया (Legal Rights and Process of Remarriage After Divorce)
भूमिका तलाक के बाद जीवन को दोबारा संवारने के लिए कई लोग पुनर्विवाह (Remarriage) करने का निर्णय लेते हैं। लेकिन पुनर्विवाह से पहले कुछ कानूनी प्रक्रियाओं और अधिकारों को समझना जरूरी होता है। यह लेख तलाक के बाद पुनर्विवाह के…
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तलाक के बाद बच्चों की कस्टडी और परवरिश (Child Custody and Parenting After Divorce)
भूमिका तलाक केवल पति-पत्नी के बीच संबंधों का अंत नहीं करता, बल्कि इससे बच्चों के जीवन पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। तलाक के बाद बच्चों की कस्टडी (Child Custody) और परवरिश (Parenting) को लेकर कई कानूनी और भावनात्मक पहलू…
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तलाक के बाद कानूनी अधिकार और दायित्व (Post-Divorce Legal Rights and Obligations)
भूमिका तलाक एक कठिन कानूनी प्रक्रिया है, लेकिन तलाक के बाद भी पति और पत्नी दोनों के कुछ निश्चित अधिकार और दायित्व होते हैं। तलाक की डिक्री जारी होने के बाद, दोनों पक्षों को अपनी‑अपनी जिम्मेदारियों और लाभों की जानकारी…
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सिविल विवाह में तलाक (Divorce Under Special Marriage Act, 1954)
भूमिका भारत में विवाह धार्मिक और कानूनी दोनों आधारों पर संपन्न होते हैं। यदि कोई व्यक्ति धार्मिक रीति-रिवाजों के बजाय अंतरधार्मिक विवाह या सिविल विवाह करना चाहता है, तो उसे विशेष विवाह अधिनियम, 1954 (Special Marriage Act, 1954) के तहत…
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ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 के तहत तलाक (Divorce Under Indian Christian Marriage Act, 1872 & Indian Divorce Act, 1869)
भूमिका भारत में ईसाई विवाह और तलाक को मुख्य रूप से भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 (Indian Christian Marriage Act, 1872) और भारतीय तलाक अधिनियम, 1869 (Indian Divorce Act, 1869) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। यह कानून ईसाई धर्म के…
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मुस्लिम लॉ में तलाक (Divorce Under Muslim Law in India)
भूमिका इस्लामिक कानून में विवाह (निकाह) एक अनुबंध (Contract) माना जाता है, जिसे कुछ परिस्थितियों में समाप्त किया जा सकता है। मुस्लिम कानून में तलाक की प्रक्रिया हिंदू विवाह अधिनियम से अलग होती है और इसमें पति और पत्नी दोनों…