Category: परिवार से जुड़े कानून
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Special Marriage Act, 1954 – Section 8: विवाह सूचना पर आपत्ति के निपटारे के लिए समय-सीमा (Time for Disposal of Objection)
भूमिका Special Marriage Act, 1954 के तहत यदि किसी विवाह सूचना पर धारा 6 के तहत आपत्ति दर्ज की जाती है, तो विवाह अधिकारी को इसका समाधान करना होता है। धारा 8 (Section 8) यह निर्धारित करती है कि विवाह…
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Special Marriage Act, 1954 – Section 7: विवाह सूचना पर आपत्ति के खिलाफ अपील (Appeal Against Objection to Marriage Notice)
भूमिका Special Marriage Act, 1954 के तहत विवाह से पहले विवाह की सूचना प्रकाशित की जाती है, और यदि कोई आपत्ति दर्ज की जाती है, तो उसे विवाह अधिकारी द्वारा जांचा जाता है। धारा 7 (Section 7) यह निर्धारित करती…
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Special Marriage Act, 1954 – Section 6: विवाह सूचना पर आपत्तियाँ (Objections to Marriage Notice)
भूमिका Special Marriage Act, 1954 के तहत विवाह करने से पहले विवाह की सूचना (Notice of Intended Marriage) सार्वजनिक की जाती है। धारा 6 (Section 6) इस सूचना पर आपत्तियाँ दर्ज करने की प्रक्रिया को निर्धारित करती है। यह प्रावधान…
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Christian Marriage Act, 1872 – धारा 5 (Persons by whom Marriages may be solemnized / विवाह संपन्न कराने वाले व्यक्ति)
परिचय भारत में ईसाई विवाहों को कानूनी मान्यता देने के लिए Christian Marriage Act, 1872 में यह स्पष्ट किया गया है कि कौन-कौन से व्यक्ति विवाह संपन्न करा सकते हैं। धारा 5 (Section 5: Persons by whom Marriages may be…
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Christian Marriage Act, 1872 – धारा 4 (Churches in which Marriages may be solemnized / चर्च जहाँ विवाह संपन्न हो सकते हैं)
परिचय भारत में ईसाई विवाहों को कानूनी रूप से मान्यता देने के लिए Christian Marriage Act, 1872 में विवाह संपन्न करने के लिए उपयुक्त स्थलों को निर्दिष्ट किया गया है। धारा 4 (Section 4: Churches in which Marriages may be…
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Christian Marriage Act, 1872 – धारा 3 (Marriage Registrars / विवाह रजिस्ट्रार)
परिचय भारत में ईसाई विवाहों को कानूनी रूप से मान्यता देने के लिए Christian Marriage Act, 1872 में विवाह पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। इसकी धारा 3 (Section 3: Marriage Registrars / विवाह रजिस्ट्रार) विवाह पंजीकरण अधिकारियों की नियुक्ति,…
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Christian Marriage Act, 1872 – धारा 2 (Interpretation / व्याख्या)
परिचय भारत में ईसाई समुदाय के विवाह को कानूनी मान्यता देने के लिए Christian Marriage Act, 1872 लागू किया गया था। इस अधिनियम की धारा 2 (Section 2: Interpretation / व्याख्या) विभिन्न कानूनी शब्दों की परिभाषा प्रदान करती है, जिससे…
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Christian Marriage Act, 1872 – धारा 1 (Short Title and Extent / संक्षिप्त नाम और विस्तार)
परिचय भारत में ईसाई समुदाय के विवाह को कानूनी मान्यता देने के लिए Christian Marriage Act, 1872 लागू किया गया था। इसकी धारा 1 (Section 1: Short Title and Extent / संक्षिप्त नाम और विस्तार) इस अधिनियम के प्रभाव क्षेत्र…
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Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 5: विवाह की शून्यता (Void Marriage)
Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 5 यह प्रावधान करती है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में बाल विवाह को पूर्ण रूप से शून्य (Void) घोषित किया जा सकता है। धारा 5 के प्रमुख प्रावधान: महत्व: निष्कर्ष: धारा 5…
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Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 4: बाल विवाह से प्रभावित व्यक्ति के लिए संरक्षण और निवास का अधिकार
Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 4 उन बच्चों के संरक्षण और पुनर्वास से संबंधित है, जिनका विवाह बाल्यावस्था में कर दिया गया हो। यह धारा यह सुनिश्चित करती है कि बाल विवाह के शिकार व्यक्ति को उचित…