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भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) धारा 7: भारतीय संहिता का राज्यक्षेत्रीय विस्तार (Territorial Extent of the Indian Code)

परिचय:

भारतीय न्याय संहिता, 2023 का राज्यक्षेत्रीय विस्तार (Territorial Extent) यह निर्धारित करता है कि यह संहिता भारत के किन-किन क्षेत्रों में लागू होगी। धारा 7 यह स्पष्ट करती है कि भारतीय न्याय संहिता सम्पूर्ण भारत पर लागू होगी और इसके किसी भी भाग में इसका प्रभाव रहेगा।


धारा 7 की व्याख्या:

1. भारतीय न्याय संहिता का पूरे भारत में विस्तार

• यह संहिता भारत के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पर लागू होगी
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 के अनुसार, भारत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का एक संघ है, इसलिए यह संहिता देश के हर हिस्से में प्रभावी होगी।
उदाहरण:

  • यह उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल जैसे सभी राज्यों में लागू होगी।
  • दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान-निकोबार, चंडीगढ़, पुडुचेरी आदि केंद्र शासित प्रदेशों में भी प्रभावी होगी।

2. धारा 7 का विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर प्रभाव

• पहले भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) संपूर्ण भारत में लागू थी, लेकिन अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में यह पूरी तरह लागू नहीं थी।
5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के हटने के बाद, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भारतीय कानूनों के अधीन कर दिया गया।
• अब, भारतीय न्याय संहिता 2023 भी पूरी तरह से इन क्षेत्रों में लागू होगी।


3. क्या यह संहिता भारत के बाहर भी लागू हो सकती है?

• सामान्य रूप से, यह संहिता केवल भारत के भीतर लागू होती है।
• लेकिन, यदि कोई अपराध भारत के बाहर हुआ हो और उसका प्रभाव भारत में पड़ता हो या उसे भारतीय कानूनों के तहत दंडनीय माना गया हो, तो धारा 4 (अतिरिक्त क्षेत्रीय अधिकारिता) के तहत उसे भारत में दंडित किया जा सकता है।
उदाहरण:

  • यदि कोई भारतीय नागरिक विदेश में रहते हुए भारत के विरुद्ध साइबर अपराध करता है, तो इस संहिता के तहत उस पर मुकदमा चल सकता है।
  • यदि किसी भारतीय जहाज या विमान पर अपराध होता है, तो भी यह संहिता लागू होगी।

4. संहिता के अपवाद – क्या कोई क्षेत्र इससे बाहर है?

• वर्तमान में, भारत का कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश इस संहिता के दायरे से बाहर नहीं है।
संविधान के अनुच्छेद 246 और सातवीं अनुसूची के अनुसार, ‘अपराध और अपराधों से संबंधित विधियां’ केंद्र सरकार के अधीन आती हैं, इसलिए यह संहिता पूरे देश में लागू होती है।


निष्कर्ष:

धारा 7 यह स्पष्ट करती है कि भारतीय न्याय संहिता, 2023 सम्पूर्ण भारत में लागू होगी।
यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर प्रभावी है, जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भी शामिल हैं।
हालांकि, यह संहिता भारत के बाहर सामान्य रूप से लागू नहीं होती, लेकिन कुछ परिस्थितियों में भारतीय नागरिकों या भारत से जुड़े अपराधों पर इसे लागू किया जा सकता है।

संक्षेप में:

भारतीय न्याय संहिता पूरे भारत में लागू होती है।
यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करती है।
धारा 4 के तहत, कुछ मामलों में यह संहिता भारत के बाहर किए गए अपराधों पर भी लागू हो सकती है।