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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 45 (Article 45) – बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा (Free and Compulsory Education for Children)


संविधान की परिभाषा (Constitutional Definition):

अनुच्छेद 45 भारतीय संविधान के भाग IV (राज्य के नीति निर्देशक तत्व) का हिस्सा है, जो यह सुनिश्चित करता है कि राज्य 5 से 14 वर्ष के बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य सभी बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करना है। यह बच्चों के समाज में पूर्ण और समान अवसर प्राप्त करने के अधिकार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


संशोधन (Amendments):

संविधान में अनुच्छेद 45 में कोई विशेष संशोधन नहीं किया गया, लेकिन किशोर न्याय (बालकों के लिए न्याय) अधिनियम, 2016 जैसे अन्य कानूनों के माध्यम से इसे और भी मजबूत किया गया है। इसके अलावा, राइट टू एजुकेशन एक्ट (RTE) को 2010 में लागू किया गया, जो अनुच्छेद 45 के अंतर्गत आती है और बच्चों को शिक्षा के अधिकार को मजबूती प्रदान करता है।


न्यायिक निर्णय (Judicial Decision):

  1. मोहम्मद कासिम (Mohammad Qasim) बनाम राज्य (1984):
    • इस मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने राइट टू एजुकेशन के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद 45 के तहत माना और यह भी स्पष्ट किया कि राज्य को बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है।
    • सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दिया कि शिक्षा एक मौलिक अधिकार है, और इसे व्यवस्थित और अनिवार्य तरीके से लागू किया जाना चाहिए।
  2. राज्य बनाम राज्य शिक्षा बोर्ड (State vs State Education Board):
    • सर्वोच्च न्यायालय ने यह सुनिश्चित किया कि राज्य शिक्षा बोर्डों द्वारा प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता और समानता में कोई भेदभाव न हो, जैसा कि अनुच्छेद 45 में निर्देशित किया गया है।

अनुच्छेद 45 की प्रमुख बातें (Key Provisions of Article 45):

  • निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा (Free and Compulsory Education) – राज्य को यह निर्देश दिया गया है कि वह 5 से 14 वर्ष के बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करे।
  • शिक्षा का अधिकार (Right to Education) – यह अनुच्छेद यह सुनिश्चित करता है कि सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिले, ताकि उनके भविष्य और समाज में योगदान के लिए उन्हें तैयार किया जा सके।
  • बालकों की शिक्षा के लिए प्रावधान (Provisions for Children’s Education) – राज्य को यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों के लिए सक्रीय, स्वस्थ और समान अवसर की शिक्षा उपलब्ध हो, जिससे उनकी शारीरिक, मानसिक और सामाजिक भलाई हो सके।

अनुच्छेद 45 का महत्व (Significance of Article 45):

  • शिक्षा के अधिकार का संरक्षण (Protection of Right to Education) – यह अनुच्छेद हर बच्चे के लिए शिक्षा को एक मौलिक अधिकार बनाता है, जो उनके भविष्य को सुधारने में सहायक होता है।
  • सामाजिक समावेशन (Social Inclusion) – यह बच्चों को समान अवसर और समान शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे समाज में समानता और न्याय की भावना बनी रहती है।
  • देश के विकास में योगदान (Contribution to National Development) – शिक्षा के माध्यम से हर बच्चे को समाज और राष्ट्र के सकारात्मक योगदान के लिए तैयार किया जाता है, जो अंततः देश के विकास में सहायक होता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

  • अनुच्छेद 45 बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित करता है।
  • यह अनुच्छेद हर बच्चे को समान और गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
  • यह देश के सामाजिक और आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देने के लिए राज्य को निर्देश देता है।

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