Legal And Law Advisory

By Learnwithms.in

“आपका कानूनी ज्ञान साथी!”

Home » भारतीय कानून » भारतीय संविधान » अनुच्छेद » भारतीय संविधान का अनुच्छेद 36 (Article 36) – राज्य की परिभाषा (Definition of the State)

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 36 (Article 36) – राज्य की परिभाषा (Definition of the State)

अनुच्छेद 36 भारतीय संविधान के भाग IV (Directive Principles of State Policy – राज्य के नीति निर्देशक तत्व) का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह अनुच्छेद राज्य की परिभाषा को स्पष्ट करता है और बताता है कि नीति निर्देशक तत्वों को लागू करने की जिम्मेदारी किन संस्थाओं की होगी।


अनुच्छेद 36 की प्रमुख बातें (Key Provisions of Article 36)

• अनुच्छेद 36 में “राज्य” की परिभाषा वही मानी गई है जो अनुच्छेद 12 में मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) के संदर्भ में दी गई है
• इसमें निम्नलिखित संस्थाएँ शामिल हैं:

केंद्र सरकार और राज्य सरकारें (Central & State Governments)
संसद और राज्य विधानमंडल (Parliament & State Legislatures)
स्थानीय प्राधिकरण (Local Authorities) – नगर निगम, नगर पालिका, पंचायतें आदि
सरकार द्वारा नियंत्रित निकाय (Other Authorities Under Government Control)

• इसका उद्देश्य राज्य के नीति निर्देशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए जिम्मेदार संस्थाओं की पहचान करना है


अनुच्छेद 36 और अनुच्छेद 12 में अंतर (Difference Between Article 36 and Article 12)

अंतर का आधार (Basis of Difference)अनुच्छेद 12 (Article 12)अनुच्छेद 36 (Article 36)
उद्देश्य (Objective)मौलिक अधिकारों के संदर्भ में “राज्य” की परिभाषा देता हैनीति निर्देशक तत्वों (DPSP) के संदर्भ में “राज्य” की परिभाषा देता है
लागू होने वाला भाग (Applicable Part)भाग III (Fundamental Rights – मौलिक अधिकार)भाग IV (DPSP – नीति निर्देशक तत्व)
प्रभाव (Impact)नागरिक अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर “राज्य” के खिलाफ मुकदमा दायर कर सकते हैंनीति निर्देशक तत्व सिर्फ दिशानिर्देश होते हैं, जिनके उल्लंघन पर सीधे मुकदमा नहीं किया जा सकता

अनुच्छेद 36 का महत्व (Significance of Article 36)

• यह सुनिश्चित करता है कि राज्य के नीति निर्देशक तत्वों को लागू करने की जिम्मेदारी किन संस्थाओं की होगी।
• यह अनुच्छेद राज्य को यह निर्देश देता है कि वह समाज कल्याण के लिए नीतियाँ बनाए और उन्हें लागू करे।
• यह मौलिक अधिकारों और नीति निर्देशक तत्वों के बीच तालमेल बनाए रखने में मदद करता है।


निष्कर्ष (Conclusion)

अनुच्छेद 36 “राज्य” की परिभाषा को स्पष्ट करता है, जिससे यह तय किया जा सके कि नीति निर्देशक तत्वों को लागू करने की जिम्मेदारी किन-किन संस्थाओं की होगी।
यह अनुच्छेद नीति निर्देशक तत्वों को प्रभावी रूप से लागू करने में सहायक है और समाज के कल्याण के लिए सरकार को दिशा-निर्देश प्रदान करता है।
हालांकि, अनुच्छेद 36 सीधे तौर पर नागरिकों के अधिकारों को प्रभावित नहीं करता, लेकिन यह सरकार की नीतियों के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।



Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *