अनुच्छेद 35 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो संसद (Parliament) को कुछ विशेष कानून बनाने का अधिकार प्रदान करता है। यह अनुच्छेद विशेष रूप से मौलिक अधिकारों से संबंधित कानूनों को लागू करने और उन्हें संशोधित करने की शक्ति को केंद्र सरकार के अधीन रखता है।
📌 अनुच्छेद 35 की प्रमुख बातें (Key Provisions of Article 35)
- यह संसद को यह अधिकार देता है कि वह मौलिक अधिकारों से संबंधित कुछ कानून बना और संशोधित कर सके।
- यह राज्यों को इन विषयों पर कानून बनाने से रोकता है, जिससे एक समान राष्ट्रीय नीति बनाई जा सके।
- यह अनुच्छेद 16, 33, 34 और भाग III (मौलिक अधिकारों) से जुड़े कुछ विशेष कानूनों को संसद के अधीन रखता है।
- यह संविधान के कुछ विशेष प्रावधानों को लागू करने के लिए आवश्यक कानून बनाने की शक्ति केवल संसद को प्रदान करता है।
📌 अनुच्छेद 35 के अंतर्गत संसद को विशेष रूप से किन मामलों में कानून बनाने का अधिकार है?
1️⃣ अनुच्छेद 16(3) – सार्वजनिक नौकरियों में निवास से संबंधित प्रतिबंध
- संसद यह तय कर सकती है कि किसी विशेष राज्य या क्षेत्र में सरकारी नौकरियों के लिए कौन पात्र होगा।
2️⃣ अनुच्छेद 33 – सशस्त्र बलों के मौलिक अधिकारों का संशोधन
- संसद को यह शक्ति दी गई है कि वह सेना, पुलिस, खुफिया एजेंसियों और अर्धसैनिक बलों के मौलिक अधिकारों को सीमित करने के लिए कानून बना सके।
3️⃣ अनुच्छेद 34 – मार्शल लॉ और मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध
- संसद को यह अधिकार है कि युद्ध या आपातकाल के दौरान सैन्य बलों द्वारा किए गए कार्यों को कानूनी संरक्षण देने वाले कानून बना सके।
4️⃣ सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा से जुड़े कानून
- संसद अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), पिछड़ा वर्ग (OBC) और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा और विशेषाधिकार से जुड़े कानून बना सकती है।
- यह बंधुआ मजदूरी, मानव तस्करी, और अन्य शोषणकारी प्रथाओं को रोकने के लिए कानून बनाने की शक्ति भी संसद को देता है।
📌 अनुच्छेद 35 से संबंधित प्रमुख न्यायिक निर्णय (Important Judicial Judgments on Article 35)
1️⃣ संजीव कोका बनाम भारत संघ (Sanjeev Koka v. Union of India, 1997)
📌 फैसला:
- सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्यों को मौलिक अधिकारों से जुड़े कानून बनाने की अनुमति नहीं है।
- यह शक्ति केवल संसद को दी गई है ताकि पूरे देश में समान कानून लागू किए जा सकें।
2️⃣ केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (Kesavananda Bharati v. State of Kerala, 1973)
📌 फैसला:
- इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 35 के तहत संसद को दी गई शक्तियाँ संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा हैं और उन्हें खत्म नहीं किया जा सकता।
📌 अनुच्छेद 35 का महत्व (Significance of Article 35)
✔ यह पूरे देश में मौलिक अधिकारों से संबंधित कानूनों की एकरूपता सुनिश्चित करता है।
✔ यह संसद को कुछ विशेष कानून बनाने का विशेषाधिकार प्रदान करता है, जिससे राज्यों में असमानता न हो।
✔ यह राष्ट्रीय सुरक्षा और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कानून बनाने की शक्ति संसद को प्रदान करता है।
📌 निष्कर्ष (Conclusion)
✅ अनुच्छेद 35 भारतीय संसद को विशेष रूप से मौलिक अधिकारों से जुड़े कानून बनाने का अधिकार देता है।
✅ यह राज्यों को इस क्षेत्र में कानून बनाने से रोकता है ताकि पूरे देश में समान कानून लागू हो सकें।
✅ इस अनुच्छेद के तहत संसद को महत्वपूर्ण सामाजिक, आर्थिक और सुरक्षा से संबंधित कानून बनाने की शक्ति दी गई है, जिससे देश की एकता और अखंडता बनी रहे।
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