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Special Marriage Act, 1954 – Section 12: विवाह की विधि (Procedure for Solemnization of Marriage)

भूमिका

Special Marriage Act, 1954 के तहत विवाह प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और कानूनी रूप से वैध बनाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। धारा 12 (Section 12) यह निर्धारित करती है कि विवाह कैसे संपन्न होगा, इसमें कौन-कौन से चरण होंगे, और विवाह अधिकारी की क्या भूमिका होगी। इस लेख में हम Section 12 का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।


धारा 12 (Section 12) का विस्तृत विश्लेषण

1. विवाह की विधि और अनिवार्य शर्तें

  • विवाह केवल तभी संपन्न होगा जब दोनों पक्ष और तीन गवाह (Three Witnesses) विवाह अधिकारी (Marriage Officer) के समक्ष उपस्थित हों।
  • विवाह के दौरान कोई भी धार्मिक अनुष्ठान आवश्यक नहीं होता, बल्कि यह एक नागरिक (Civil) प्रक्रिया होती है।

2. विवाह संपन्न कराने की प्रक्रिया

  1. विवाह अधिकारी के समक्ष उपस्थिति
    • विवाह के इच्छुक दोनों पक्षों को विवाह अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना आवश्यक है।
    • उनके साथ कम से कम तीन गवाहों का होना अनिवार्य है।
  2. विवाह की घोषणा (Declaration of Marriage)
    • विवाह करने वाले पक्षों को यह घोषणा करनी होगी कि वे स्वेच्छा से विवाह कर रहे हैं और कोई कानूनी बाधा नहीं है।
    • यह घोषणा विवाह अधिकारी और गवाहों के समक्ष की जाती है।
  3. विवाह प्रमाणपत्र (Marriage Certificate) पर हस्ताक्षर
    • विवाह की घोषणा के बाद, विवाह अधिकारी विवाह प्रमाणपत्र (Marriage Certificate) तैयार करता है।
    • इस प्रमाणपत्र पर पति-पत्नी और तीनों गवाहों को हस्ताक्षर करना होता है।
  4. विवाह का पंजीकरण (Registration of Marriage)
    • विवाह अधिकारी विवाह को विवाह रजिस्टर (Marriage Register) में दर्ज करता है।
    • इसके बाद विवाह प्रमाणपत्र पर विवाह अधिकारी के हस्ताक्षर किए जाते हैं, जिससे विवाह कानूनी रूप से वैध हो जाता है।

धारा 12 का महत्व और प्रभाव

  1. विवाह प्रक्रिया को कानूनी रूप से वैध बनाना – यह धारा विवाह के लिए आवश्यक औपचारिकताओं और प्रक्रिया को स्पष्ट करती है।
  2. तीन गवाहों की अनिवार्यता – विवाह को कानूनी रूप से वैध बनाने के लिए तीन गवाहों की उपस्थिति अनिवार्य है।
  3. कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करना – विवाह प्रमाणपत्र और विवाह रजिस्टर में पंजीकरण, दोनों ही पति-पत्नी को कानूनी सुरक्षा प्रदान करते हैं।
  4. धार्मिक अनुष्ठानों से स्वतंत्रता – यह धारा सुनिश्चित करती है कि विवाह एक नागरिक अनुबंध के रूप में संपन्न हो और यह किसी भी धार्मिक प्रक्रिया पर निर्भर न हो।

निष्कर्ष

Special Marriage Act, 1954 की धारा 12 यह निर्धारित करती है कि विवाह विवाह अधिकारी, तीन गवाहों और विवाह प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर के माध्यम से संपन्न किया जाएगा। यह प्रावधान विवाह प्रक्रिया को संगठित, कानूनी रूप से मान्य और पारदर्शी बनाता है।

यदि आप Special Marriage Act की अन्य धाराओं या इससे जुड़े किसी अन्य कानूनी विषय पर जानकारी चाहते हैं, तो हमें बताएं!


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