Legal And Law Advisory

By Learnwithms.in

“आपका कानूनी ज्ञान साथी!”

Home » भारतीय कानून » भारतीय न्याय संहिता ( BNS ) » भारतीय न्याय संहिता 2023 धारा 4: संहिता का अतिरिक्त क्षेत्रीय प्रभाव (Extra-Territorial Jurisdiction of the Code)

भारतीय न्याय संहिता 2023 धारा 4: संहिता का अतिरिक्त क्षेत्रीय प्रभाव (Extra-Territorial Jurisdiction of the Code)

विवरण:

• यह धारा उन अपराधों पर लागू होती है जो भारत के बाहर होते हैं, लेकिन भारतीय कानूनों के अंतर्गत आते हैं।
• यदि कोई व्यक्ति भारत के बाहर रहते हुए भारतीय हितों को नुकसान पहुँचाता है, तो उस पर भी भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।


व्याख्या:

1. भारत के बाहर भारतीय नागरिक द्वारा किया गया अपराध

• यदि कोई भारतीय नागरिक विदेश में किसी ऐसे कृत्य को अंजाम देता है, जो इस संहिता के तहत अपराध है, तो उस पर भारत में मुकदमा चलाया जा सकता है।
उदाहरण:
• कोई भारतीय नागरिक विदेश में धोखाधड़ी करता है और उसका प्रभाव भारतीय नागरिकों पर पड़ता है।
भारत से भागकर विदेश में रह रहे अपराधियों पर भी इस धारा के तहत कार्यवाही हो सकती है।

2. भारतीय जहाज और विमानों पर किए गए अपराध

• यदि कोई अपराध किसी भारतीय जहाज या विमान में होता है, चाहे वह किसी भी देश में स्थित हो, तो भारतीय कानून लागू होगा।
उदाहरण:
• कोई व्यक्ति भारतीय विमान में हवाई यात्रा के दौरान अपराध करता है (जैसे हिंसा, अपहरण, या तस्करी)।
• कोई अपराध भारतीय व्यापारिक जहाज पर होता है, भले ही वह अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हो।

3. भारत के बाहर किए गए साइबर और डिजिटल अपराध

• यदि कोई व्यक्ति विदेश में रहते हुए भारतीय नागरिकों, सरकारी संस्थानों, या भारतीय अर्थव्यवस्था के खिलाफ साइबर अपराध करता है, तो उस पर भारतीय कानून के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
उदाहरण:
• विदेश में बैठा कोई हैकर भारतीय बैंकों या सरकारी वेबसाइटों पर साइबर हमला करता है।
• विदेश से संचालित फर्जी ऑनलाइन स्कीमों के तहत भारतीय नागरिकों से ठगी की जाती है।

4. आतंकवाद और संगठित अपराध पर संहिता का प्रभाव

• यदि कोई व्यक्ति भारत के बाहर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होता है और भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचता है, तो उस पर भारतीय कानून के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
उदाहरण:
• विदेश में बैठकर कोई संगठन भारत में आतंकी हमले की योजना बनाता है
नशीले पदार्थों की तस्करी और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराधों में शामिल व्यक्तियों पर कार्यवाही हो सकती है।


संक्षिप्त निष्कर्ष:

धारा 4 यह सुनिश्चित करती है कि भारतीय नागरिक विदेश में कोई भी अपराध करें, तो उन पर भारत में मुकदमा चलाया जा सकता है।
यह प्रावधान साइबर अपराध, आतंकवाद, और संगठित अपराधों को नियंत्रित करने में सहायक होगा।
भारतीय जहाजों और विमानों पर किए गए अपराधों पर भी यह संहिता लागू होती है।


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *