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अनुच्छेद 24: बाल श्रम पर प्रतिबंध ( ban on child labor )

अनुच्छेद 24: बाल श्रम पर प्रतिबंध

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Article 24) 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खतरनाक उद्योगों और कारखानों में काम करने से रोकता है। यह अनुच्छेद बच्चों के अधिकारों और उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है


1. अनुच्छेद 24 का प्रावधान

संविधान के अनुच्छेद 24 में स्पष्ट रूप से कहा गया है:
“कोई भी बच्चा जिसकी आयु 14 वर्ष से कम है, उसे किसी कारखाने (Factory), खान (Mine), या किसी अन्य खतरनाक रोजगार (Hazardous Employment) में काम करने के लिए नियुक्त नहीं किया जाएगा।”

मुख्य बिंदु:

  • 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खतरनाक उद्योगों में काम करने की अनुमति नहीं है
  • यह प्रावधान खासतौर पर कारखानों, खानों और अन्य जोखिमपूर्ण कार्यस्थलों पर लागू होता है
  • घरेलू कामकाज या कृषि क्षेत्र में यह प्रतिबंध पूरी तरह लागू नहीं होता

2. अनुच्छेद 24 के तहत प्रतिबंधित कार्य

(1) खतरनाक उद्योगों (Hazardous Industries)

  • खदानें (Mines)
  • कारखाने (Factories)
  • निर्माण कार्य (Construction Work)
  • पटाखा फैक्ट्री और रासायनिक उद्योग (Firework & Chemical Industries)
  • ईंट भट्टे (Brick Kilns)
  • कांच और चमड़ा उद्योग (Glass & Leather Industry)

(2) बाल तस्करी और जबरन श्रम (Child Trafficking & Forced Labour)

  • बाल मजदूरी को मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी से जोड़ा जाता है, जो कानूनन अपराध है।

(3) घरेलू मजदूरी (Domestic Labour)

  • हालांकि, घरेलू कामों में बच्चों की नियुक्ति पर पूरी तरह रोक नहीं है, लेकिन यदि किसी बच्चे से जबरदस्ती काम करवाया जाता है, तो यह कानून का उल्लंघन होगा

3. बाल श्रम को रोकने के लिए प्रमुख कानून

(1) बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986

  • यह कानून 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी खतरनाक काम में लगाने पर रोक लगाता है
  • 2016 के संशोधन के बाद, 14 से 18 वर्ष तक के किशोरों को भी खतरनाक उद्योगों में काम करने से रोका गया

(2) बंधुआ मजदूरी (निषेध) अधिनियम, 1976

  • इस कानून के तहत बंधुआ मजदूरी (Bonded Labour) को पूरी तरह से अवैध घोषित किया गया है
  • यदि कोई व्यक्ति कर्ज के बदले बच्चों से जबरदस्ती काम कराता है, तो यह अपराध माना जाएगा

(3) कारखाना अधिनियम, 1948 (Factories Act, 1948)

  • 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी कारखाने में काम करने की अनुमति नहीं है
  • 14 से 18 वर्ष तक के किशोर केवल हल्के कार्यों में ही लगाए जा सकते हैं

(4) खदान अधिनियम, 1952 (Mines Act, 1952)

  • 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे को खदानों में काम करने की अनुमति नहीं है

(5) मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act, 2009)

  • यह कानून 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार देता है

4. बाल श्रम से जुड़े महत्वपूर्ण न्यायिक फैसले

(1) एम. सी. मेहता बनाम तमिलनाडु राज्य (1996)

  • सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि सरकार को बाल मजदूरी को रोकने और बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए

(2) पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स बनाम भारत सरकार (1982)

  • कोर्ट ने कहा कि अगर कोई भी नियोक्ता बच्चों से जबरदस्ती काम करवा रहा है, तो यह संविधान के अनुच्छेद 24 का उल्लंघन होगा

5. अनुच्छेद 24 का महत्व

  • बच्चों की शारीरिक और मानसिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है
  • शिक्षा के अधिकार को मजबूत बनाता है
  • बाल तस्करी और बंधुआ मजदूरी को रोकने में मदद करता है
  • बच्चों को खतरनाक कार्यों से बचाकर उनके समग्र विकास को बढ़ावा देता है

6. अनुच्छेद 24 से जुड़ी चुनौतियां

  • गरीबी और अशिक्षा के कारण अभी भी कई जगहों पर बच्चे मजदूरी करने को मजबूर हैं
  • कई कारखानों और उद्योगों में बाल श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जाता है
  • बाल तस्करी और जबरन मजदूरी को रोकने के लिए कड़े कानूनों की आवश्यकता है

7. निष्कर्ष

अनुच्छेद 24 बाल श्रम को रोककर बच्चों को सुरक्षित और शिक्षित भविष्य देने का प्रयास करता है। हालांकि, इसका प्रभावी क्रियान्वयन अभी भी एक चुनौती बना हुआ है। सरकार को सख्त कानूनों और जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए बाल श्रम को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में काम करना चाहिए।


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