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खुला (Khula): जब महिला खुद तलाक मांगे

खुला (Khula): जब महिला खुद तलाक मांगे

परिचय

इस्लाम में विवाह (Nikah) को एक पवित्र अनुबंध माना जाता है, लेकिन यदि पति-पत्नी के बीच संबंध बिगड़ जाते हैं और साथ रहना संभव नहीं होता, तो तलाक (Divorce) की अनुमति दी गई है। आमतौर पर, पति “तलाक” कहकर विवाह समाप्त कर सकता है, लेकिन इस्लाम में महिलाओं को भी विवाह समाप्त करने का अधिकार दिया गया है, जिसे “खुला” (Khula) कहा जाता है।

खुला का अर्थ है “छुड़ाना” या “मुक्ति पाना”। जब कोई मुस्लिम महिला अपने पति से अलग होने की इच्छा व्यक्त करती है और इस उद्देश्य के लिए पति को कुछ मुआवजा (महर या अन्य संपत्ति) वापस करती है, तो इसे खुला कहा जाता है।


1. खुला (Khula) क्या है?

खुला एक इस्लामी तलाक प्रक्रिया है जिसमें पत्नी स्वयं विवाह को समाप्त करने की मांग करती है।
✅ इसमें पत्नी शरीयत के अनुसार कुछ संपत्ति (जैसे महर) छोड़कर या लौटाकर तलाक ले सकती है।
✅ यह प्रक्रिया इस्लामी न्यायालय या काजी के समक्ष पूरी की जाती है।
✅ यदि पति सहमत न हो, तो पत्नी न्यायालय में अर्जी देकर खुला ले सकती है।


2. खुला लेने के कारण

पत्नी निम्नलिखित कारणों से खुला मांग सकती है:
पति का दुर्व्यवहार (Domestic Violence) – यदि पति शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है।
पति का देखभाल न करना – यदि पति आर्थिक रूप से सहयोग नहीं करता या पत्नी को बेसहारा छोड़ देता है।
अनुपस्थिति (Absence of Husband) – यदि पति बिना किसी सूचना के लंबे समय तक गायब रहता है।
पति द्वारा वैवाहिक कर्तव्यों की पूर्ति न करना – यदि पति वैवाहिक संबंधों को निभाने में असमर्थ हो।
पति और पत्नी के विचारों में अत्यधिक मतभेद – यदि दोनों का साथ रहना संभव न हो।
पति का अनैतिक कार्यों में लिप्त होना – जैसे नशा करना, अवैध संबंध रखना, या आपराधिक गतिविधियों में शामिल होना।


3. खुला की प्रक्रिया

खुला लेने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाती है:

(A) आपसी सहमति से खुला

✅ पत्नी अपने पति से खुला मांगती है।
✅ यदि पति सहमत होता है, तो वह विवाह समाप्त करने के लिए राज़ी हो जाता है।
✅ पत्नी अपना महर या कुछ अन्य संपत्ति छोड़ने को तैयार होती है।
✅ इस प्रक्रिया के बाद तलाक मान्य हो जाता है।

(B) न्यायालय के माध्यम से खुला

✅ यदि पति खुला देने से मना कर दे, तो पत्नी शरीयत न्यायालय (Sharia Court) या मजिस्ट्रेट कोर्ट में आवेदन कर सकती है।
✅ न्यायालय दोनों पक्षों को सुनता है और यदि आवश्यक समझे तो विवाह समाप्त कर सकता है।
✅ पत्नी को अपने पति को कुछ मुआवजा देना पड़ सकता है, लेकिन न्यायालय मामले की गंभीरता के आधार पर निर्णय लेता है।
✅ इस्लामी कानून के अनुसार, खुला के बाद पत्नी को इद्दत (Iddat) की अवधि पूरी करनी होती है


4. खुला और तलाक में अंतर

तलाक (Talaq)खुला (Khula)
तलाक का अधिकार केवल पति के पास होता हैखुला का अधिकार पत्नी के पास होता है
पति खुद तलाक देता है।पत्नी तलाक की मांग करती है।
पत्नी को मुआवजा नहीं देना पड़ता।पत्नी को आमतौर पर पति को महर या अन्य संपत्ति लौटानी पड़ती है।
इसमें इद्दत (Iddat) की अवधि होती है।इसमें भी इद्दत की अवधि होती है।

5. खुला के बाद महिला के अधिकार

✅ खुला के बाद महिला फिर से विवाह (Re-Marriage) कर सकती है
✅ खुला लेने के बाद बच्चों की कस्टडी (Custody) का अधिकार न्यायालय या शरीयत के अनुसार तय किया जाता है।
✅ यदि पति सहमति से खुला नहीं देता, तो पत्नी न्यायालय में मामला दर्ज कर सकती है।


6. खुला और आधुनिक कानूनी स्थिति

✅ भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ (Shariat Act, 1937) के तहत महिलाओं को खुला का अधिकार दिया गया है।
✅ सुप्रीम कोर्ट ने भी कई मामलों में यह स्पष्ट किया है कि कोई भी मुस्लिम महिला खुला लेकर विवाह समाप्त कर सकती है, चाहे पति सहमत हो या न हो।
✅ मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 तीन तलाक को अवैध करता है, लेकिन खुला पर इसका कोई प्रभाव नहीं है।


7. निष्कर्ष

खुला मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
✅ यदि किसी महिला का वैवाहिक जीवन कठिन हो जाता है, तो वह इस्लामी कानून के तहत खुला लेकर विवाह समाप्त कर सकती है।
✅ खुला और तीन तलाक में अंतर है, क्योंकि इसमें महिला को खुद तलाक मांगने का अधिकार दिया गया है।
✅ यह इस्लामी विवाह व्यवस्था में एक न्यायसंगत और संतुलित प्रक्रिया है, जो महिलाओं को विवाह से बाहर निकलने का कानूनी अधिकार देती है।

इस्लामी कानून के अनुसार, विवाह जीवनभर का रिश्ता होता है, लेकिन यदि यह अत्यधिक कठिन हो जाए, तो खुला एक न्यायसंगत समाधान हो सकता है।

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