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हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 धारा 29 – अन्य कानूनों के अंतर्गत अधिकार (Savings of Certain Rights and Validations)

हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 – धारा 29: अन्य कानूनों के अंतर्गत अधिकार (Savings of Certain Rights and Validations)

परिचय:

धारा 29 हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो यह सुनिश्चित करता है कि यह अधिनियम अन्य कानूनी अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा।
इसका मुख्य उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि जो भी अधिकार हिंदू विवाह अधिनियम से पहले किसी अन्य कानून, परंपरा या विशेष प्रथा के तहत मान्य थे, वे इस अधिनियम के लागू होने के बाद भी सुरक्षित रहेंगे।


धारा 29 के प्रमुख प्रावधान:

1. विवाह के अन्य अधिकारों की सुरक्षा (Protection of Other Marriage Rights)

✅ हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 लागू होने से पहले यदि किसी हिंदू विवाह को किसी अन्य कानून, रीति-रिवाज, प्रथा, या विशेष अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त थी, तो यह अधिनियम उसे अवैध नहीं बनाएगा।
✅ इसका अर्थ यह है कि यदि कोई विवाह अन्य किसी कानून के तहत वैध था, तो वह इस अधिनियम के लागू होने के बाद भी मान्य रहेगा।

उदाहरण: यदि 1955 से पहले किसी विशेष रीति-रिवाज के अनुसार विवाह हुआ था और वह मान्य था, तो हिंदू विवाह अधिनियम इसे अवैध नहीं बनाएगा।


2. अन्य कानूनों के तहत तलाक का अधिकार (Right to Divorce under Other Laws)

✅ यदि कोई हिंदू किसी अन्य अधिनियम या विशेष कानून के तहत तलाक का अधिकार रखता है, तो हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 इस अधिकार को समाप्त नहीं करेगा।
✅ इसका मतलब है कि यदि किसी व्यक्ति को हिंदू विवाह अधिनियम के अलावा किसी अन्य कानून के तहत तलाक का अधिकार मिला हुआ है, तो वह उसे उपयोग कर सकता है।

उदाहरण: यदि किसी समुदाय के लिए एक विशेष वैवाहिक कानून पहले से ही लागू था, तो उसके तहत तलाक लेने का अधिकार सुरक्षित रहेगा।


3. कोई भी अधिनियम हिंदू विवाह अधिनियम से प्रभावित नहीं होगा (Non-Interference in Other Laws)

✅ यदि कोई अन्य विशेष अधिनियम (Special Marriage Act, 1954 या अन्य कानून) लागू है, तो हिंदू विवाह अधिनियम उसे अप्रभावित रखेगा।
✅ यह सुनिश्चित करता है कि जो विवाह या तलाक अन्य कानूनों के तहत वैध थे, वे हिंदू विवाह अधिनियम के कारण अमान्य नहीं होंगे।

उदाहरण: यदि कोई व्यक्ति स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 के तहत विवाह करता है, तो हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 उसके अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा।


4. 1955 से पहले विवाह को सुरक्षित रखना (Validation of Marriages before 1955)

1955 से पहले हिंदू कानूनों या रीति-रिवाजों के अनुसार हुए विवाह मान्य माने जाएंगे।
✅ इस धारा के तहत 1955 से पहले हुए विवाह को इस आधार पर अवैध नहीं ठहराया जा सकता कि वह हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं करता।

उदाहरण: यदि 1950 में एक विवाह हिंदू परंपराओं के अनुसार हुआ था और तब वह मान्य था, तो 1955 के बाद भी वह विवाह मान्य रहेगा।


5. धारा 29 का महत्व (Importance of Section 29)

✅ यह सुनिश्चित करता है कि जो विवाह और तलाक अन्य कानूनों के तहत मान्य हैं, वे हिंदू विवाह अधिनियम के कारण अवैध नहीं होंगे।
✅ यह 1955 से पहले हुए विवाहों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
✅ यह अन्य कानूनों के तहत तलाक लेने के अधिकार को सुरक्षित रखता है।
✅ यह सुनिश्चित करता है कि अन्य विवाह कानून (जैसे स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954) हिंदू विवाह अधिनियम के कारण अप्रभावित रहें।


6. निष्कर्ष:

धारा 29 हिंदू विवाह अधिनियम के दायरे को सीमित करते हुए यह सुनिश्चित करती है कि यह अन्य कानूनी व्यवस्थाओं को प्रभावित न करे।
1955 से पहले हुए विवाह मान्य रहेंगे और अन्य विशेष विवाह कानून भी प्रभावी बने रहेंगे।
✅ यदि कोई व्यक्ति हिंदू विवाह अधिनियम के अलावा किसी अन्य कानून के तहत तलाक लेने का अधिकार रखता है, तो वह उसे उपयोग कर सकता है।
यह धारा उन हिंदू विवाहों को कानूनी सुरक्षा देती है जो किसी अन्य कानून, परंपरा, या रीति-रिवाज के तहत वैध थे।

धारा 29 का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हिंदू विवाह अधिनियम अन्य वैध विवाहों और तलाक के अधिकारों को बाधित न करे।


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