भारतीय संविधान की अनुसूची 8: भारत की आधिकारिक भाषाएँ
परिचय
भारतीय संविधान की अनुसूची 8 (Schedule 8) भारत में मान्यता प्राप्त भाषाओं (Recognized Languages) की सूची प्रदान करती है। संविधान के मूल रूप में 14 भाषाओं को मान्यता दी गई थी, लेकिन समय-समय पर संशोधन के माध्यम से अब कुल 22 भाषाएँ अनुसूची 8 में शामिल की जा चुकी हैं।
अनुसूची 8 का उद्देश्य:
✅ भारतीय भाषाओं को संवैधानिक मान्यता देना।
✅ इन भाषाओं को संरक्षित और संवर्धित करना।
✅ केंद्र और राज्यों के लिए प्रशासनिक और शैक्षिक गतिविधियों में इन भाषाओं का उपयोग सुनिश्चित करना।
✅ साहित्यिक और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देना।
संविधान में अनुसूची 8 का विकास
मूल संविधान (1950): 14 भाषाएँ सूचीबद्ध थीं।
अभी (2025 तक): 22 भाषाएँ अनुसूची 8 में शामिल हैं।
| संविधान संशोधन | नई जोड़ी गई भाषाएँ |
|---|---|
| 21वां संशोधन (1967) | सिंधी |
| 71वां संशोधन (1992) | कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली |
| 92वां संशोधन (2003) | संथाली, मैथिली, डोगरी, बोडो |
अनुसूची 8 में शामिल 22 भाषाएँ
| क्रम | भाषा | क्रम | भाषा |
|---|---|---|---|
| 1 | असमिया (Assamese) | 12 | मणिपुरी (Manipuri) |
| 2 | बंगाली (Bengali) | 13 | मराठी (Marathi) |
| 3 | गुजराती (Gujarati) | 14 | नेपाली (Nepali) |
| 4 | हिंदी (Hindi) | 15 | उड़िया (Odia) |
| 5 | कन्नड़ (Kannada) | 16 | पंजाबी (Punjabi) |
| 6 | कश्मीरी (Kashmiri) | 17 | संस्कृत (Sanskrit) |
| 7 | कोंकणी (Konkani) | 18 | संथाली (Santali) |
| 8 | मैथिली (Maithili) | 19 | सिंधी (Sindhi) |
| 9 | मलयालम (Malayalam) | 20 | तमिल (Tamil) |
| 10 | मणिपुरी (Manipuri) | 21 | तेलुगु (Telugu) |
| 11 | बोडो (Bodo) | 22 | उर्दू (Urdu) |
अनुसूची 8 में शामिल भाषाओं के लाभ
✅ संवैधानिक मान्यता: सरकार इन भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष योजनाएँ लागू कर सकती है।
✅ राजकीय कार्यों में उपयोग: इनमें से कुछ भाषाएँ राज्य की आधिकारिक भाषा बन सकती हैं।
✅ संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और अन्य परीक्षाएँ: अनुसूची 8 में शामिल भाषाओं को UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं में उत्तर लेखन के लिए अनुमति प्राप्त है।
✅ साहित्यिक और सांस्कृतिक पहचान: सरकार इन भाषाओं के विकास के लिए साहित्य अकादमी, राष्ट्रीय अनुवाद मिशन और अन्य संस्थानों के माध्यम से सहायता प्रदान करती है।
अनुसूची 8 में और भाषाओं को जोड़ने की मांग
वर्तमान में कई भाषाओं को अनुसूची 8 में शामिल करने की माँग की जा रही है, जैसे:
✅ राजस्थानी
✅ भोजपुरी
✅ मगही
✅ अंगिका
✅ टुलु
✅ गढ़वाली
हालांकि, अभी तक इनमें से किसी भी भाषा को अनुसूची 8 में शामिल नहीं किया गया है।
संविधान की अनुसूची 8 का महत्व
✅ भाषाई विविधता को बढ़ावा देना।
✅ संविधान में भाषाई समानता सुनिश्चित करना।
✅ स्थानीय भाषाओं के संरक्षण और विकास के लिए सरकारी सहायता उपलब्ध कराना।
✅ शिक्षा और सरकारी कामकाज में भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देना।
निष्कर्ष
✅ भारतीय संविधान की अनुसूची 8 भारत की भाषाई विविधता को मान्यता देती है।
✅ वर्तमान में इसमें 22 भाषाएँ शामिल हैं।
✅ सरकार समय-समय पर अन्य भाषाओं को जोड़ने पर विचार करती है।

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