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भारतीय न्याय संहिता, 2023 – धारा 2 (Section 2)

भारतीय न्याय संहिता, 2023 – धारा 2 (Section 2) का विस्तृत विवरण

मूल पाठ (Text of Section 2, BNS 2023):

“यह संहिता भारत में प्रत्येक व्यक्ति पर लागू होगी, चाहे उसने कोई अपराध भारत के भीतर किया हो या भारत के बाहर, यदि इस संहिता में अन्यथा उपबंधित न किया गया हो।”

व्याख्या (Explanation):

  1. सार्वभौमिकता (Applicability to All Persons)
    • भारतीय न्याय संहिता (BNS) भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों पर लागू होती है।
    • चाहे कोई नागरिक हो, विदेशी हो या कोई अन्य व्यक्ति – यदि उसने भारत के भीतर कोई अपराध किया है, तो उसे BNS के तहत दंडित किया जाएगा।
  2. भारत के बाहर किए गए अपराधों पर भी लागू
    • यदि कोई भारतीय नागरिक विदेश में कोई अपराध करता है, लेकिन वह अपराध भारतीय न्याय संहिता के तहत दंडनीय है, तो उसे भारत में सजा दी जा सकती है।
    • यह प्रावधान उन अपराधों पर भी लागू होता है जो भारत के बाहर होते हैं, लेकिन भारत के खिलाफ होते हैं, जैसे साइबर अपराध, आतंकवाद, या अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अपराध।
  3. अपवाद (Exception Clause)
    • धारा 2 यह भी कहती है कि “यदि इस संहिता में अन्यथा उपबंधित न किया गया हो।”
    • इसका मतलब है कि कुछ अपराधों पर विशेष कानून (Special Laws) लागू हो सकते हैं, और ऐसे मामलों में भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान लागू नहीं होंगे।

महत्व और प्रभाव (Significance & Impact)

  1. भारतीय न्याय संहिता की क्षेत्राधिकार सीमा तय करता है
    • कोई भी अपराध, यदि भारत में हुआ है, तो इस संहिता के अंतर्गत आएगा।
    • भारतीय नागरिक विदेश में अपराध करें, तब भी उन पर इस संहिता के तहत मामला चल सकता है।
  2. आधुनिक आपराधिक मामलों को कवर करता है
    • यह प्रावधान साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी, आतंकवाद, और अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों के मामलों में मदद करता है।
    • अगर कोई भारतीय व्यक्ति विदेश में साइबर क्राइम करता है, और उसका प्रभाव भारत पर पड़ता है, तो इस संहिता के तहत उस पर कार्यवाही की जा सकती है।
  3. विदेशी नागरिकों पर भी लागू
    • यदि कोई विदेशी व्यक्ति भारत में अपराध करता है, तो उस पर भी भारतीय न्याय संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी।
    • उदाहरण के लिए, अगर कोई विदेशी पर्यटक भारत में अपराध करता है, तो उसे भारतीय कानूनों के तहत दंडित किया जाएगा।

पूर्व भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 से तुलना

विशेषताएँभारतीय दंड संहिता (IPC) 1860भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023
धारा 2भारतीय क्षेत्र में किए गए अपराधों पर लागूभारत और विदेश में किए गए अपराधों पर भी लागू
क्षेत्राधिकारभारत के भीतर किए गए अपराधों तक सीमितअंतरराष्ट्रीय अपराधों को भी कवर करता है
नए प्रावधानसीमित साइबर और आर्थिक अपराधसाइबर क्राइम, डिजिटल धोखाधड़ी और आतंकी गतिविधियों को भी शामिल किया गया

निष्कर्ष (Conclusion):

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 2 यह स्पष्ट करती है कि यह संहिता भारत के भीतर किए गए सभी अपराधों पर लागू होती है और कुछ मामलों में भारत के बाहर किए गए अपराधों पर भी प्रभाव डालती है। यह संहिता कानून के दायरे को व्यापक बनाती है और आधुनिक समय के अपराधों को नियंत्रित करने में अधिक प्रभावी सिद्ध होती है।


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