Month: March 2025
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Christian Marriage Act, 1872 – धारा 4 (Churches in which Marriages may be solemnized / चर्च जहाँ विवाह संपन्न हो सकते हैं)
परिचय भारत में ईसाई विवाहों को कानूनी रूप से मान्यता देने के लिए Christian Marriage Act, 1872 में विवाह संपन्न करने के लिए उपयुक्त स्थलों को निर्दिष्ट किया गया है। धारा 4 (Section 4: Churches in which Marriages may be…
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Christian Marriage Act, 1872 – धारा 3 (Marriage Registrars / विवाह रजिस्ट्रार)
परिचय भारत में ईसाई विवाहों को कानूनी रूप से मान्यता देने के लिए Christian Marriage Act, 1872 में विवाह पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। इसकी धारा 3 (Section 3: Marriage Registrars / विवाह रजिस्ट्रार) विवाह पंजीकरण अधिकारियों की नियुक्ति,…
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Christian Marriage Act, 1872 – धारा 2 (Interpretation / व्याख्या)
परिचय भारत में ईसाई समुदाय के विवाह को कानूनी मान्यता देने के लिए Christian Marriage Act, 1872 लागू किया गया था। इस अधिनियम की धारा 2 (Section 2: Interpretation / व्याख्या) विभिन्न कानूनी शब्दों की परिभाषा प्रदान करती है, जिससे…
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Christian Marriage Act, 1872 – धारा 1 (Short Title and Extent / संक्षिप्त नाम और विस्तार)
परिचय भारत में ईसाई समुदाय के विवाह को कानूनी मान्यता देने के लिए Christian Marriage Act, 1872 लागू किया गया था। इसकी धारा 1 (Section 1: Short Title and Extent / संक्षिप्त नाम और विस्तार) इस अधिनियम के प्रभाव क्षेत्र…
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Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 5: विवाह की शून्यता (Void Marriage)
Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 5 यह प्रावधान करती है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में बाल विवाह को पूर्ण रूप से शून्य (Void) घोषित किया जा सकता है। धारा 5 के प्रमुख प्रावधान: महत्व: निष्कर्ष: धारा 5…
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Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 4: बाल विवाह से प्रभावित व्यक्ति के लिए संरक्षण और निवास का अधिकार
Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 4 उन बच्चों के संरक्षण और पुनर्वास से संबंधित है, जिनका विवाह बाल्यावस्था में कर दिया गया हो। यह धारा यह सुनिश्चित करती है कि बाल विवाह के शिकार व्यक्ति को उचित…
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Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 3: बाल विवाह को शून्यकरणीय (Voidable) घोषित करने का अधिकार
Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 3 यह प्रावधान करती है कि बाल विवाह को शून्यकरणीय (Voidable) घोषित किया जा सकता है, जिसका अर्थ है कि पीड़ित पक्ष इसे रद्द करने के लिए न्यायालय में याचिका दायर कर…
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Prohibition of Child Marriage Act, 2006 धारा 2: परिभाषाएँ (Definitions)
Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 2 इस अधिनियम में उपयोग किए गए प्रमुख शब्दों की परिभाषा प्रदान करती है। यह धारा कानून की सटीक व्याख्या में मदद करती है और यह सुनिश्चित करती है कि कोई भ्रम…
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Prohibition of Child Marriage Act, 2006 धारा 1: संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ
Prohibition of Child Marriage Act, 2006 की धारा 1 इस अधिनियम के नाम, उसके प्रभाव क्षेत्र और लागू होने की तिथि को निर्दिष्ट करती है। धारा 1 का विवरण: महत्व:
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बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 ( The Prohibition of Child Marriage Act ) – एक परिचय
परिचय भारत में बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या रही है, जो बच्चों के अधिकारों, उनके स्वास्थ्य और शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इस प्रथा को रोकने के लिए सरकार ने “बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006” (Prohibition of Child…