Month: March 2025
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 36 (Article 36) – राज्य की परिभाषा (Definition of the State)
अनुच्छेद 36 भारतीय संविधान के भाग IV (Directive Principles of State Policy – राज्य के नीति निर्देशक तत्व) का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह अनुच्छेद राज्य की परिभाषा को स्पष्ट करता है और बताता है कि नीति निर्देशक तत्वों को…
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 35 (Article 35) – संसद के विशेष अधिकार (Parliament’s Exclusive Powers)
अनुच्छेद 35 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो संसद (Parliament) को कुछ विशेष कानून बनाने का अधिकार प्रदान करता है। यह अनुच्छेद विशेष रूप से मौलिक अधिकारों से संबंधित कानूनों को लागू करने और उन्हें संशोधित करने की…
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 34 (Article 34) – मार्शल लॉ और मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध (Martial Law and Restrictions on Fundamental Rights)
अनुच्छेद 34 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो युद्ध (War), विद्रोह (Rebellion), या आपातकाल (Emergency) की स्थिति में मौलिक अधिकारों को सीमित करने की अनुमति देता है। यह सरकार को यह अधिकार देता है कि वह सैन्य बलों…
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 33 (Article 33) – सशस्त्र बलों में मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध
धारा 33 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो सशस्त्र बलों (Armed Forces), पुलिस (Police), खुफिया एजेंसियों (Intelligence Agencies), और अन्य सुरक्षा बलों में कार्यरत कर्मियों के मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति देता है। इसका उद्देश्य देश…
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 32 (Article 32) – मौलिक अधिकारों की रक्षा का अधिकार
🔹 अनुच्छेद 32 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण अनुच्छेद है, जिसे संविधान का हृदय और आत्मा (Heart and Soul of the Constitution) कहा जाता है। यह मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) की रक्षा और उन्हें लागू कराने का अधिकार देता है।…
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 31 (Article 31) – संपत्ति का अधिकार और उसका निष्कासन
🔹 अनुच्छेद 31 भारतीय संविधान के मूल अधिकारों (Fundamental Rights) के भाग III में था, लेकिन 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा इसे हटा दिया गया। पहले यह निजी संपत्ति के अधिकार (Right to Property) को मौलिक अधिकार के रूप…
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भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) धारा 8: व्यक्ति, कंपनी और संगठन की परिभाषा (Definition of Person, Company, and Organization)
परिचय: भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत धारा 8 यह स्पष्ट करती है कि “व्यक्ति” (Person), “कंपनी” (Company) और “संगठन” (Organization) किसे कहा जाएगा। यह परिभाषा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कानूनी उत्तरदायित्व केवल व्यक्तियों तक सीमित नहीं होता, बल्कि कंपनियों,…
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भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) धारा 7: भारतीय संहिता का राज्यक्षेत्रीय विस्तार (Territorial Extent of the Indian Code)
परिचय: भारतीय न्याय संहिता, 2023 का राज्यक्षेत्रीय विस्तार (Territorial Extent) यह निर्धारित करता है कि यह संहिता भारत के किन-किन क्षेत्रों में लागू होगी। धारा 7 यह स्पष्ट करती है कि भारतीय न्याय संहिता सम्पूर्ण भारत पर लागू होगी और…
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भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) धारा 6: सामान्य अधिनियमों का प्रभाव और उनकी प्राथमिकता (Effect and Supremacy of General Acts)
परिचय: भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) अपराधों और उनके दंड से संबंधित मुख्य विधि है, लेकिन कई अन्य सामान्य अधिनियम (General Acts) भी कानूनी प्रणाली का हिस्सा हैं। धारा 6 यह स्पष्ट करती है कि यदि किसी विषय पर कोई…
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Christian Marriage Act, 1872 – धारा 10 (Registration of person licensed under Section 9 / धारा 9 के अंतर्गत लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति का पंजीकरण)
परिचय ईसाई विवाहों के कानूनी मान्यता प्राप्त होने के लिए Christian Marriage Act, 1872 में विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को विनियमित करने के लिए विभिन्न प्रावधान शामिल किए गए हैं। धारा 10 (Section 10: Registration of person…